पंजाब के कप्तान शुभमन गिल ने रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ ग्रुप सी के मुकाबले में शतक ठोक दिया है. ये उनके करियर का 14वां फर्स्ट क्लास शतक है. पहली पारी में फ्लॉप रहने के बाद गिल ने दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी की और 159 गेंदों में अपने 100 रन पूरे किए. इस दौरान उन्होंने 14 चौके और तीन छक्के लगाए.
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ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटने के बाद रणजी ट्रॉफी खेलने उतरे गिल पहली पारी में 8 गेंदों में महज चार रन ही बना पाए थे. उनके सस्ते में पवेलियन लौटने के बाद पंजाब की पूरी टीम पहली पारी में 55 रन पर ऑलआउट हो गई थी और टीम 420 रन से पिछड़ गई थी. जिस वजह से गिल की टीम पर हार का संकट मंडराने लगा. दूसरी पारी में भी पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही. पंजाब ने अपने दो विकेट 23 रन के भीतर गंवा दिए . एक छोर पर जहां पंजाब के बल्लेबाज नहीं पा रहे, वहीं दूसरे छोर पर ओपनर गिल जमे रहे और पंजाब को हार से बचाने से लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पहली पारी में नहीं चला बल्ला
गिल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में तीन टेस्ट मैच खेले थे, मगर वो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुरी तरह से फ्लॉप रहे, जिसके बाद वो रणजी ट्रॉफी का दूसरा लेग खेलने मैदान पर उतरे, मगर पहली पारी में उनका बल्ला नहीं चल पाया था. गिल के शतक के बावजूद पंजाब मयंक अग्रवाल, देवदत्त पडिक्कल और प्रसिद्ध कृष्णा से सजी कर्नाटक के खिलाफ मुश्किल में फंसी हुई है. कृष्णा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट में भारत की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे, जो 3 से 5 जनवरी तक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था, जबकि पडिक्कल सीरीज का पहला मैच खेले थे.
ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद पडिक्कल और कृष्णा ने विजय हजारे ट्रॉफी में भी खेला और फाइनल में विदर्भ को हराकर कर्नाटक को खिताब जीतने में मदद की.पडिक्कल ने विजय हजारे के क्वार्टर फाइनल मैच में बड़ौदा के खिलाफ 102 रन और वडोदरा के खिलाफ सेमीफाइनल में 86 रन बनाए. दूसरी तरफ कृष्णा ने विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में 84 रन पर तीन विकेट लिए थे. फाइनल में उन्होंने करुण नायर को आउट किया था, जो शानदार फॉर्म में थे.
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