नई दिल्ली। अनुभवी भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पिछले महीने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी. भज्जी जब से रिटायर हुए हैं तब से वो अपने करियर को लेकर कई अहम बातें कर रहे हैं और लगातार सवाल पूछ रहे हैं. ऐसे में भज्जी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर वो वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और गौतम गंभीर के साथ एक और वर्ल्ड कप खेल लेते तो उनके लिए ये अच्छा रहता. हरभजन क्रिकेट के इतिहास में भारत की दो सबसे बड़ी जीत का हिस्सा थे जिसमें आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2007 का उद्घाटन एडिशन और एकदिवसीय विश्व कप 2011 शामिल है.
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मैं दूसरों से ज्यादा फिट था
भारत की विश्व कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद हरभजन को एक और वर्ल्ड कप नहीं मिला. वहीं 2011 के विश्व कप में 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' युवराज सिंह, प्रमुख विकेट लेने वाले जहीर खान, सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को भारत के लिए एक और वर्ल्ड कप खेलने का मौका नहीं मिला. ऐसे में 41 वर्षीय स्पिनर ने कहा है कि वह भारत के लिए खेलने वाले कई खिलाड़ियों की तुलना में अधिक फिट थे, फिर भी उन्हें भारत के 2015 विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया था.
31 साल की उम्र में ले चुका था 400 टेस्ट विकेट
भज्जी ने कहा कि, “युवराज और वीरेंद्र सहवाग जैसे मेरे सभी सहयोगियों के साथ एक और विश्व कप खेलना अच्छा होता. जब मैंने 400 टेस्ट विकेट लिए थे, तब मैं केवल 31 वर्ष का था और 2011 में भी, मैं 31 वर्ष का था. 31 साल की उम्र में, मैं वास्तव में अच्छा कर रहा था और दूसरे खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा फिट था. उसके बाद, चीजें हमारे रास्ते पर नहीं चलीं. मुझे नहीं पता कि क्या हुआ और इसके पीछे कौन था लेकिन जो हुआ वह चला गया. इसके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन हां वीरू, युवी और शायद गौतम गंभीर के साथ एक और विश्व कप खेलता तो अच्छा लगता.
BCCI का शुक्रगुजार हूं
हरभजन सिंह ने आगे बात करते हुए कहा कि मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि हमें बीसीसीआई की तरफ से जो भी मौके मिले और भारतीय क्रिकेट के लिए हम जो भी हासिल कर सके हम उसके ताउम्र शुक्रगुजार रहेंगे. हमें भारत का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व है. उन्होंने कहा, 'मैं खुद को मिले मौकों के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं. 2012, 2013 और 2014 को लेकर लोग अक्सर यह सवाल करते हैं कि जिन खिलाड़ियों ने विश्वकप जीता वो एक साथ फिर क्यों खेलते नजर नहीं आए. इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं है, मुझे नहीं पता कि इसका जवाब कौन दे सकता है लेकिन मुझे लगता है कि आपको बीसीसीआई से पूछना चाहिये. आपको उस समय की बीसीसीआई में कार्यरत लोगों से पूछना चाहिये कि 2011 के विश्वकप में जीत के बाद ये खिलाड़ी एक साथ क्यों नहीं खेले.
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