टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. 43 साल के इस खिलाड़ी ने 18 साल की उम्र में ही भारत के लिए डेब्यू कर लिया था. साल 2000 में केन्या के खिलाफ युवराज ने अपना डेब्यू किया और तब से अगले 17 सालों में उन्होंने भारत के लिए 304 वनडे, 58 टी20 और 40 टेस्ट खेले हैं. साल 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीत दिलाने में युवराज का अहम योगदान रहा है. युवराज ने कई बार मैच विजेता पारी खेल टीम को जीत दिलाई है.
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हाल में ही कर्ली टेल्स के साथ इंटरव्यू में युवराज सिंह ने अपने पिता के साथ रिश्तों पर खुलासा किया. युवराज के पिता योगराज सिंह ने भी भारत के लिए टेस्ट और वनडे क्रिकेट खेला है. ऐसे में युवराज कभी नहीं चाहते थे कि उनके पिता मैदान पर आकर उनका मैच देखे.
मेरे पिता मुझपर काफी गुस्सा करते थे
युवराज ने कहा कि, कई बार उन्होंने मुझपर गुस्सा किया है. लेकिन मुझे ये भी लगता है कि उनका सपना था कि मैं भारत के लिए खेलूं. लेकिन कई बार ऐसा होता था जब मुझे वो पसंद नहीं आते थे. हालांकि आपको कई बार वो काम करने पड़ते हैं जो आपको पसंद नहीं होते और इनकी बदौलत ही आप कुछ हासिल करते हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि मुझे काफी धक्का दिया गया. और यही कारण है कि मैं 18 साल में भारत खेल गया.
मैं नहीं चाहता था मेरे पिता मेरा मैच देखें: युवराज
युवराज सिंह ने कहा कि, मैं नहीं चाहता था कि मेरे पिता मेरा मैच देखने आए. क्योंकि अगर मैं उट हो जाता था तो वो मुझसे नाराज हो जाते थे. जब मैं बच्चा था तब मुझे हवा में गेंद मारने की इजाजत नहीं थी. वो कहते थे नीचे खेलो और नीचे खेलकर रन बनाओ. वो हमेशा गुस्से में रहते थे. इसलिए मैं उन्हें कहता था कि आप मेरा मैच देखने मत आया करो.
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