भारतीय क्रिकेट टीम में अब एक नया फिटनेस टेस्ट, ब्रॉन्को टेस्ट, शामिल किया गया है। यह टेस्ट खिलाड़ियों की सहनशक्ति को मापने के लिए है। पहले यो-यो टेस्ट फिटनेस का मुख्य पैमाना था, लेकिन अब ब्रॉन्को टेस्ट भी खिलाड़ियों की फिटनेस का आकलन करेगा। ब्रॉन्को टेस्ट में खिलाड़ी को बिना रुके 1200 मीटर की दूरी 6 मिनट के अंदर तय करनी होती है। इसमें कोई रिकवरी का समय नहीं मिलता है। इसके विपरीत, यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को रिकवरी का समय मिलता है। ब्रॉन्को टेस्ट में 0 से 20 मीटर, फिर 0 से 40 मीटर और अंत में 0 से 60 मीटर की शटल दौड़ के पांच सेट पूरे करने होते हैं। यह टेस्ट विशेष रूप से गेंदबाजों की फिटनेस चिंताओं को दूर करने के लिए लाया गया है, ताकि वे टेस्ट, टी20 और वनडे जैसे सभी प्रारूपों में अपनी फिटनेस बनाए रख सकें। विराट कोहली का यो-यो टेस्ट में सर्वाधिक स्कोर 19 था, जबकि मनीष पांडे ने 19.2 का स्कोर हासिल किया था। इंग्लैंड के खिलाड़ी एलेस्टर कुक का यो-यो टेस्ट में सर्वाधिक स्कोर 22.3 है। यह नया टेस्ट भारतीय टीम में खिलाड़ियों की संपूर्ण फिटनेस सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
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