बड़ी खबर: आर अश्विन करना चाहते थे टीम इंडिया की कप्तानी, रिटायरमेंट के बाद इंटरव्यू में किया चौंकाने वाला खुलासा, कहा- कुछ लोग...

आर अश्विन ने कहा कि उनके भीतर लीडरशिप वाली क्वालिटी थी. वो टीम की कप्तानी करना चाहते थे लेकिन उस दौरान उन्हें दूसरे क्रिकेटरों का सपोर्ट नहीं मिला.

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Neeraj Singh

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रोहित शर्मा और आर अश्विन

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आर अश्विन ने कप्तानी को लेकर बड़ा बयान दिया है

अश्विन ने कहा कि वो टीम के कप्तान बनना चाहते थे

अश्विन ने कहा कि इसके लिए मुझे कई लोगों का सपोर्ट चाहिए था

38 साल के आर अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद अपने संन्यास की घोषणा करके क्रिकेट जगत को चौंका दिया. अगले दिन वे भारत लौट गए और अपने घर चेन्नई में लोगों से उनका जबरदस्त स्वागत हुआ. स्काई स्पोर्ट्स पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन और नासिर हुसैन के साथ बातचीत में अश्विन ने बड़ा खुलसाा किया है और बताया है कि वो टीम इंडिया की कप्तानी भी कर सकते थे और उनके भीतर लीडरशिप वाला टैलेंट था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें इसका कोई खेद नहीं.

आर अश्विन ने कप्तानी के सवाल पर कहा कि, यह काफी दिलचस्प है क्योंकि मुझे अच्छे से पता है कि मेरे लिए क्या ठीक है और दूसरे के लिए क्या नहीं. कई बार जब मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी, तब मुझे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कप्तानी मिली थी. मैंने इस दौरान टीम के लिए कई टूर्नामेंट्स भी जिताए. मुझे लगता है कि मेरे भीतर कप्तानी करने का टैलेंट था. लेकिन मुझे कोई दुख नहीं है कि मैं अपने देश की टीम के लिए कप्तानी नहीं कर पाया.

कप्तानी मिलती तो बेस्ट देता लेकिन कुछ लोगों को ऐसा नहीं लगा

अश्विन ने आगे कहा कि, ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो मैं कंट्रोल नहीं कर सकता. यहां कुछ लोगों को ये समझना था कि मैं कप्तानी में अच्छा हूं. लेकिन मुझे यहां 15-10 लागों को भी साथ लाना था जो ये सोचते कि मैं कप्तानी कर सकता हूं. मुझे लगता है कि मेरे करियर का ये चैप्टर मेरे लिए नहीं था. वहीं कुछ लोगों को शायद लगता था कि मैं इसके लिए फिट नहीं था. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं कप्तानी के लिए अच्छा नहीं था. लीडरशिप वो नहीं कि आप सिर्फ कप्तान ही रहे. आपको इसके लिए कप्तानी के टाइटल की जरूरत नहीं. क्योंकि मेरे भीतर एक कप्तान था जो अक्सर ये सोचता था वो कैसे दूसरों में सुधार कर सकता है और मैंने किया भी. मैंने इसमें बेस्ट दिया और मुझे इसका खेद नहीं. हा अगर कप्तानी भी मिलती तो मैं अपना बेस्ट देता.

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में खेले गए तीन टेस्ट मैचों में से उन्होंने सिर्फ एक टेस्ट खेला. उन्होंने 537 टेस्ट विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट टीम से संन्यास लिया. उनके टेस्ट विकेटों की संख्या भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा हैं, जो सिर्फ़ अनिल कुंबले के 619 विकेटों से पीछे है. स्पिनर ने चार मौकों पर टेस्ट में शतक और पांच विकेट लेने का कारनामा किया है, उनसे बेहतर प्रदर्शन सिर्फ इंग्लैंड के महान क्रिकेटर इयान बॉथम ने किया है, जिन्होंने पांच बार ऐसा किया था.

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