अमन सहरावत ने भारत की झोली में पेरिस ओलिंपिक का छठा मेडल डाल दिया है. उन्होंने रेसलिंग में 57 किलो मेंस फ्रीस्टाइल कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता. 21 साल 24 दिन के अमन ओलिंपिक मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. अमन जब से ओलिंपिक के लिए पेरिस पहुंचे हैं, उन्हें किसी ने मैस में नहीं देखा. ना ही उनके लिए बाहर से खाना आते हुए नहीं देखा गया. इसके पीछे की वजह अमन ने ब्रॉन्ज जीतने के बाद खुद खुलासा किया.
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अमन ने बताया कि पेरिस पहुंचने के बाद खेल गांव में उन्होंने खाना क्यों नहीं खाया. उन्होंने बताया कि वो कम ही बाहर निकलते हैं. वो सिर्फ कॉम्पिटिशन या फिर बाहर घूमने के वक्त ही नजर आएंगे. अमन ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में कहा-
थोड़ा बहुत भारत से लेकर आए थे. वजन भी तो देखना होता है. मैस में जाकर मैं बहुत ज्यादा खा लूं , फिर वजन भी तो बढ़ जाएगा.
भारत से साथ लाए थे खाने का सामान
अमन ने बताया कि वो भारत से अपने साथ जो खाने का सामान आए थे, वहीं खा रहे हैं. ब्रॉन्ज मेडल मैच में भारतीय युवा पहलवान ने पुर्तो रिको के पहलवान डारियन क्रूज को 13-5 से हराया. वो पुर्तो रिको के पहलवान पर भारी पड़े. इसी के साथ उन्होंने 2008 ओलिंपिक से चली आ रही परंपरा को टूटने से भी बचा लिया.
भारत 2008 ओलिंपिक से कुश्ती में मेडल जीत रहा है, मगर इस बार अमन से पहले भारत के हाथ में कुश्ती का मेडल नहीं आ पाया. विनेश फोगाट ने फाइनल में पहुंचकर मेडल पक्का जरूर किया था, मगर गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण उन्हें ओलिंपिक से डिस्क्वालीफाई कर दिया गया. जिस वजह से भारत के हाथ आया मेडल भी फिसल गया. अमन ने भारत को पेरिस ओलिंपिक में कुश्ती का पहला मेडल दिलाया.
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