Paris Paralympic Games 2024: महिला 400 मीटर इवेंट में दीप्ति जीवनजी ने जीता ब्रॉन्ज, ऐसा करने वाली बनीं दूसरी भारतीय एथलीट

दीप्ति जीवनजी ने पेरिस पैरालिंपिक के 4090 मीटर टी20 फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. जीवनजी अब प्रीति पाल के बाद पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली दूसरी भारतीय एथलीट बन गई हैं.

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Neeraj Singh

रेस और भारतीय झंडे के दौरान दीप्ति जीवनजी

रेस और भारतीय झंडे के दौरान दीप्ति जीवनजी

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दीप्ति ने 400 मीटर इवेंट में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिला दिया हैदेश के लिए ट्रैक इवेंट में वो प्रीति पाल के बाद दूसरी एथलीट हैं

दीप्ति पैरालिंपिक खेलों में देश के लिए ट्रैक इवेंट में पदक जीतने वाली प्रीति पाल के बाद दूसरी भारतीय एथलीट बन गईं हैं. दीप्ति जीवनजी ने मंगलवार को पेरिस पैरालिंपिक 2024 में महिलाओं की 400 मीटर टी20 फाइनल में 55.82 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता. मौजूदा विश्व चैंपियन दीप्ति रजत जीतने के करीब थीं, लेकिन तुर्की की आयसेल ओन्डर (55.23 सेकेंड) ने उन्हें पछाड़ दिया.

 

यूक्रेन की यूलिया शुलियार ने 55.16 सेकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता. दीप्ति पैरालिंपिक खेलों में देश के लिए ट्रैक इवेंट में पदक जीतने वाली प्रीति पाल के बाद दूसरी भारतीय एथलीट बन गईं. प्रीति ने महिलाओं की 100 मीटर टी35 और 200 मीटर टी35 में कांस्य पदक जीता था, जिससे वह कई पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक और फील्ड एथलीट बन गईं. भारत ने वर्तमान एडिशन में 16 पदक जीते हैं इसमें तीन स्वर्ण, पांच रजत और आठ कांस्य शामिल है.

 

 

 

पैरा एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली जीवनजी स्वर्ण पदक विजेता से 0.66 सेकेंड पीछे रहीं. जीवनजी से पहले भारत की प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 100 मीटर और 200 मीटर स्प्रिंट में दो कांस्य पदक जीते थे.

 

कौन हैं दीप्ति?

 

27 सितंबर, 2003 को तेलंगाना के वारंगल जिले के कल्लेडा गांव में जन्मी दीप्ति जीवनजी गरीबी को मात देकर यहां तक पहुंची हैं. दीप्ति ने जिंदगी में ज्यादातर आर्थिक तंगी देखी. उनके माता-पिता, जीवनजी यादगिरी और जीवनजी धनलक्ष्मी दिहाड़ी मजदूर थे जिन्हें अपना गुजारा करने के लिए अपनी आधी एकड़ जमीन बेचनी पड़ी थी. दीप्ति की हालत देख कुछ लोगों ने तो उसे अनाथालय भेजने का सुझाव भी दिया था. हालांकि, उनके माता-पिता उनके साथ खड़े रहे और उनके समर्थन में कोई कमी नहीं की.

 

दीप्ति के कोच ने भी उनकी काफी मदद की.  दीप्ति की सफलता 2023 में हांग्जो एशियाई पैरा खेलों में आई, जहां उन्होंने 400 मीटर टी20 श्रेणी में 56.69 सेकेंड के एशियाई रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता. इस जीत के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. उनके माता-पिता जो कभी भूखे रहे थे अब उनके गांव में जश्न मनाया जा रहा है.  20 मई, 2024 को दीप्ति ने कोबे, जापान में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर स्प्रिंट (टी20) में 55.07 सेकेंड का विश्व रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक हासिल किया और पेरिस पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया. हालांकि, पेरिस रजत पदक विजेता आयसेल (54.96) ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया.
 

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