किरण बालियान ने भारत का 72 साल का इंतजार खत्म किया. उन्होंने एशियन गेम्स के 19वें एडिशन में भारत के लिए शॉट पुट में ब्रॉन्ज मेडल जीता. 72 साल के इंतजार के बाद भारत ने इस इवेंट में कोई मेडल जीता. 1951 एशियन गेम्स में भारत ने शॅाट पुट में मेडल जीते थे. सभी मेडल मैंस प्लेयर ने जीते थे. किरण बलियान इसी के साथ शॉट पुट में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं. ये जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने जिस खेल में इतिहास रचा है, उस खेल में उनकी एंट्री गलती से हुई थी.
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9 साल पहले उन्होंने गलती से अपना पहला शॉट पुट कॉम्पिटिशन खेला था. दरअसल जैवलिन की जगह गलती से उनका नाम शॉट पुट में लिख दिखा गया था. बलियान के इतिहास रचने के पीछे उनकी मां का सबसे बड़ा हाथ है. बलियान के परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा ठीक नहीं थी. इसके बावजूद उनके परिवार ने उनके सपने को पूरा करने के लिए जी जान लगा दी.
बेटी के साथ जीता थीं स्टेडियम
किरण बालियान की मां बॉबी बालियान ने पीटीआई से बात करते बताया कि प्रैक्टिस के दौरान उनकी बेटी को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, क्योंकि कोई महिला ट्रेनर नहीं थी. ऐसे में उनकी बेटी को स्ट्रेच करने में मुश्किल होती थी. वो इसमें लड़कों की मदद ले नहीं सकती थी. ऐसे में वो अपनी बेटी की मदद करने लगी. इसके अलावा वो अपनी बेटी की एक्सरसाइज के वीडियो भी बनताी थीं. वो रोज अपनी बेटी के साथ स्टेडियम जाती थी. मां की मदद से किरण बालियान ने अपना सफर आगे जारी रखा और आज वो इतिहास रचने में कामयाब रही. अब उनकी मां को उम्मीद है कि ओलिंपिक में भी उनकी बेटी देश के लिए मेडल जीतेगी.
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