भारतीय पहलवान अल्बानिया में साल की दूसरी रैंकिंग सीरिज से बाहर रहेंगे, जिसकी बड़ी वजह सामने आ गई है. दरअसल खेल मंत्रालय ने यह कहकर मंजूरी रोक दी कि भारतीय कुश्ती महासंघ ने समय पर जरूरी अनुशंसा जमा नहीं की, जबकि महासंघ ने इस आरोप को खारिज किया. मंत्रालय और निलंबित डब्ल्यूएफआई के बीच मतभेदों के चलते भारतीय पहलवान क्रोएशिया के जगरेब में पहली रैंकिंग सीरिज से बाहर रह चुके हैं. दूसरा रैंकिंग सीरिज टूर्नामेंट 26 फरवरी से दो मार्च तक अल्बानिया में होगा.
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मंत्रालय ने दिसंबर 2023 को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था, लेकिन इंटरनेशनल कुश्ती से उसे मान्यता मिली हुई है. उसने 30 जनवरी को भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को प्रस्ताव भेजा था. एक सूत्र ने पीटीआई को बताया-
डब्ल्यूएफआई ने ऐन मौके पर प्रस्ताव भेजा और प्रस्तावित नाम भेजने में भी देरी हुई. इसलिये मंजूरी नहीं दी जा सकी.
वहीं महासंघ के एक अधिकारी ने कहा-
हमने 30 जनवरी को प्रस्ताव भेजा और अगले दिन जवाब आ गया. साइ ने हमसे बैठक का ब्यौरा मांगा था, जो हमने तुरंत भेज दिया. उसके बाद से कोई जवाब नहीं मिला. इससे पहले भी एक सप्ताह भेजे गए प्रस्ताव मंजूर हुए हैं तो इस बार यह ऐन मौके पर कैसे हो गया.
साइ के एक अधिकारी ने कहा-
हम इंटरनेशनल टूर्नामेंटों के लिये खिलाड़ियों को मंजूरी देने को हमेशा तैयार रहते हैं, लेकिन प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि टीम कैसे चुनी गई क्योंकि डब्ल्यूएफआई ने कोई ट्रायल नहीं कराये थे.
इस पर महासंघ ने कहा-
हम निलंबित होने के कारण ट्रायल नहीं करा सकते हैं. अगर कराते हैं तो सत्यव्रत कादियान जैसे पहलवान हमें अदालत में यह कहकर घसीटते हैं कि हम अदालत की अवमानना कर रहे हैं. ऐसे में हम आखिर क्या करें.
उन्होंने कहा-
हमने हर वर्ग में पहलवानों को उनके हालिया प्रदर्शन के आधार पर चुना. इसमें क्या गलत है. अगर मंत्रालय चाहता है कि हम ट्रायल करायें तो निलंबन हटाना होगा.
इसके बाद अम्मान में 25 से 30 मार्च तक सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप होगी , मंगोलिया में 29 मई से एक जून तक तीसरी रैंकिंग सीरिज, हंगरी में 17 से 20 जुलाई तक चौथी रैंकिंग सीरिज होगी.
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