इंग्लैंड टेस्ट टीम के कोच ब्रेंडन मैक्कलम ने भारत दौरे पर शोएब बशीर और टॉम हार्टली के खेल को सराहा है. उनका कहना है कि इन दोनों ने जो गजब का खेल दिखाया है उसे काउंटी क्रिकेट में आगे बढ़ाया जाना चाहिए. मैक्कलम ने इंग्लिश काउंटी टीमों से बशीर और हार्टली को रेगुलर खिलाने की अपील की. उनका कहना है कि इंग्लैंड में स्पिनर्स को तैयार करने के लिए उनके लिए मददगार पिचेज होनी चाहिए. इन दोनों युवा इंग्लिश स्पिनर्स ने भारत के खिलाफ सीरीज के जरिए टेस्ट डेब्यू किया. हार्टली ने अभी तक चारों टेस्ट खेले हैं और वे 20 विकेट के साथ सबसे कामयाब स्पिनर हैं. बशीर ने दो टेस्ट खेले हैं और उनका खेल भी जबरदस्त रहा है. भारत दौरे से पहले इनके पास मामूली फर्स्ट क्लास अनुभव था.
मैक्कलम ने कहा कि अगर बशीर और हार्टली को काउंटी क्रिकेट में मौका नहीं मिलता है तो यह थोड़ा सा पागलपन होगा. उन्होंने ब्रिटिश मीडिया से कहा,
अगर उन्हें काउंटी स्तर पर मौके नहीं दिए जाते हैं तो यह हमारे लिए थोड़ा निराशाभरा होगा. इस बात की संभावना है कि ऐसा हो सकता है लेकिन हम काउंटी टीमों पर हुक्म नहीं चलाना चाहते क्योंकि उनका अपना एजेंडा है. जब आप इस तरह का प्रदर्शन देखते हैं जैसा इस सीरीज में हुआ है तो मुझे लगता है कि अगर इन्हें काउंटी क्रिकेट में मौका नहीं मिलता है तो आप पागल हो. अच्छा होगा अगर उन्हें पर्याप्त मौका मिले ताकि वे जल्दी से सुधार कर सकें. फिर चाहे ये मौके काउंटी के साथ मिले या इंग्लैंड के साथ, मुझे लगता है कि हमें उन्हें क्रिकेट खिलाने की कोशिश करते रहना चाहिए. हम उनके लिए कोशिश करेंगे क्योंकि ये दोनों इंटरनेशनल क्रिकेट लायक हैं. ये दोनों मजबूत हैं.
बशीर-हार्टली का कैसा था फर्स्ट क्लास करियर
भारत दौरे के लिए चुने जाने से पहले बशीर ने समरसेट के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 67 की औसत से 10 शिकार किए थे. भारत दौरे पर दो टेस्ट में वे 12 विकेट ले चुके हैं. इसमें रांची टेस्ट में एक पारी में पांच विकेट शामिल रहे. वहीं हार्टली के नाम भारत के खिलाफ डेब्यू करने से पहले केवल 19 फर्स्ट क्लास विकेट थे. उन्होंने हैदराबाद टेस्ट की दूसरी पारी में सात विकेट लेकर इंग्लिश टीम को शानदार जीत दिलाई थी.
बशीर-हार्टली का इस वजह से हुआ था सेलेक्शन
इंग्लिश टीम मैनेजमेंट ने इन दोनों को उनके लंबे कद को देखते हुए चुना था. इसकी वजह थी कि लंबे कंद के चलते वे भारतीय पिचों से उछाल हासिल कर सकते हैं और ऐसा ही हुआ. लेकिन भारत दौरे के बाद इन्हें काउंटी क्रिकेट में कितने मौके मिलेंगे यह देखना होगा. इग्लैंड को अक्टूबर में पाकिस्तान का दौरा करना है. वहां पर भी पिचेज स्पिन की मददगार होती हैं.
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