तमिलनाडु को रणजी ट्रॉफी 2023-24 के सेमीफाइनल में मुंबई से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. साई किशोर की कप्तानी वाली टीम का टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का दांव भारी पड़ा. उसे अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली 41 बार की चैंपियन मुंबई से पारी और 70 रन से शिकस्त मिली. तमिलनाडु की हार के बाद मुख्य कोच सुलक्षण कुलकर्णी ने साई किशोर को हार के लिए दोषी ठहरा दिया. उन्होंने कहा कि सीमिंग विकेट पर पहले बैटिंग करना गलत फैसला था. इस बयान की तमिलनाडु के पूर्व कप्तान दिनेश कार्तिक की आलोचना की है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कोच को फटकार लगाई. ऐसे में तमिलनाडु क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी के नतीजे के बाद बवाल मचा हुआ है.
मुंबई से आने वाले कुलकर्णी ने सेमीफाइनल में टीम की हार के बाद पत्रकारों से कहा कि तमिलनाडु पहले दिन सुबह नौ बजे ही मैच हार गया था. उनका कहना था कि वह कंडीशन को भांप गए थे लेकिन कप्तान की सोच अलग थी. कुलकर्णी ने कहा,
मैं हमेशा साफगोई से बात करता हूं. हम पहले दिन नौ बजे मैच हार गए थे. सब कुछ सही था. हमने टॉस जीता, एक कोच और एक मुंबईकर होने के नाते मुझे कंडीशन की सही जानकारी थी. हमें बॉलिंग करनी चाहिए थी लेकिन कप्तान को अलग लगा. आखिरकार वह बॉस है. मैं अपना फीडबैक और इनपुट दे सकता हूं कि कैसा विकेट है. मुंबई ने सात विकेट 106 रन पर खो दिए थे लेकिन मुझे पता था कि पलटवार होगा. उनके पास सबसे अच्छे निचले क्रम के बल्लेबाज हैं. मैंने ड्रेसिंग रूम में कहा था कि उनकी बैटिंग छठे नंबर से शुरू होती है. मैं घोड़े को पानी तक ले जा सकता हूं. पानी घोड़े को ही पीना होगा.
तमिलनाडु के कोच ने की डैमेज कंट्रोल की कोशिश
कुलकर्णी ने हालांकि आगे साई किशोर का बचाव किया. उन्होंने कहा कि स्वाभाविक फैसले अच्छे और बुरे दोनों तरह के नतीजे दे सकते हैं. उन्होंने कहा,
स्वाभाविक फैसल, अंदर की आवाज ने बड़ी भूमिका निभाई. अगर आप पॉजीटिव तरीके से देखेंगे तो अंदरुनी आवाज ने हमें सेमीफाइनल तक पहुंचने में मदद की. सौराष्ट्र के खिलाफ पिछले मैच में वह तीसरे नंबर पर गया और उसने 65 रन बनाए. हरेक कप्तान का माइंडसेट अलग होता है. तब मैं कहूंगा क्यों नहीं. मैं कप्तान को दोष नहीं दूंगा. पिछले सात-आठ सालों में बाकी कप्तानों ने कोशिश की लेकिन वे सेमीफाइनल में नहीं पहुंचे. मैं इसे पॉजीटिव तरीके से देखता हूं.
दिनेश कार्तिक ने कुलकर्णी को लताड़ा
कार्तिक ने कुलकर्णी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एक्स पर लिखा,
यह कितना गलत है. कोच की तरफ से निराशाजनक बात कही गई. कप्तान जो टीम को सात साल बाद सेमीफाइनल में ले गया उसका समर्थन करने और अच्छी चीजों की शुरुआत के बारे में सोचने के बजाए कोच ने पूरी तरह से कप्तान और टीम को फंसा दिया.
तमिलनाडु आखिरी बार 2014-15 में रणजी सेमीफाइऩल में पहुंचा था. उसने आखिरी बार भारतीय घरेलू क्रिकेट का सबसे पुराना और बड़ा टूर्नामेंट 1987-88 में जीता था. तब वह दोबारा रणजी चैंपियन नहीं बन सका है.
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