इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बीते 2023 सीजन में जहां तिलक वर्मा और यशस्वी जायसवाल जैसे युवा बल्लेबाजों ने धमाल मचाकर टीम इंडिया तक का सफर तय कर लिया है. वहीं साल 2021 में टीम इंडिया के लिए आखिरी मैच खेलने वाले विस्फोटक बल्लेबाज पृथ्वी शॉ अभी तक टीम इंडिया में वापसी नहीं कर सके हैं. शॉ से इस सीजन आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स को काफी उम्मीदें थी. लेकिन उसमें भी वह खरे नहीं उतरे और फ्लॉप रहे. जिसके बाद दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल मैच में वेस्ट जोन की तरफ से पहली पारी में 26 तो दूसरी पारी में 25 रन ही बना सके. जिसके बाद शॉ ने अपनी बल्लेबाजी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह चेतेश्वर पुजारा जैसी बल्लेबाजी नहीं कर सकते हैं.
शॉ ने क्यों दिया पुजारा का उदाहरण
आईपीएल 2023 में शॉ ने दिल्ली कैपिटल्स के लिए 8 मैच खेले और उनके बल्ले से सिर्फ 106 रन ही आए. जबकि शुरुआती कुछ मैचों के बाद उन्हें दिल्ली कैपिटल्स की टीम से बाहर भी कर दिया गया था. इसके बाद दलीप ट्रॉफी में खेलते हुए शॉ से जब उनकी बल्लेबाजी में अटैकिंग स्टाइल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैंने जिस अंदाज से यहां तक का सफर तय किया है. अब उस प्रोसेस को मैं बदल नहीं सकता हूं. उदाहरण के तौरपर मैं चेतेश्वर पुजारा सर की तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकता हूं. वह मेरी तरह बल्लेबाजी नहीं कर सकते हैं. इसलिए जो कला भगवान ने मुझे दी है. मैं उस पर ही विश्वास करता हूं और अपने खेलने के स्टाइल में बदलाव नहीं लाने वाला. मानसिक रूप से मैं इसी तरह की बैटिंग के लिए बना हूं."
वहीं आईपीएल 2023 के प्रदर्शन पर शॉ ने आगे कहा, "आईपीएल 2023 की अब वो पारियां अतीत बन चुकी हैं. मैं पहले मैच के बारे में सोच रहा था. तब तक दो से तीन मैच निकल गए थे. इसके बारे में अब मैं कुछ नहीं कर सकता. वो सब इतिहास बन गया है. इसलिए चीजों को जितनी जल्दी भूलकर आगे बढ़ो. वही सबसे अच्छा है."
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