भारतीय क्रिकेट के लिए कहा जाता है कि यहां से तेज गेंदबाज नहीं निकलते हैं. इस बात को लेकर कपिल देव की एक घटना काफी मशहूर है. लेकिन जब से जसप्रीत बुमराह सुर्खियों में आए हैं तब से यह धारणा न केवल बदली है बल्कि टूटी है. गुजरात से आने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी पेस से धूम मचा दी और बल्लेबाजों की नींद उड़ा दी. आगामी टी20 वर्ल्ड कप 2024 में जसप्रीत बुमराह बॉलिंग में भारत के सबसे बड़ा हथियार होंगे. वे चोट की वजह से पिछले एडिशन में नहीं खेल पाए थे. ऐसे में इस बार उनकी कोशिश रहेगी कि वह भारत को चैंपियन बनाने वाला खेल दिखाए.
बुमराह का जन्म 6 दिसंबर 1993 को अहमदाबाद में एक सिख परिवार में हुआ. उनके पिता जसबीर सिंह का केमिकल बिजनेस चलाते थे तो मां दलजीत स्कूल टीचर रही हैं. बुमराह जब पांच साल के थे तब उनके पिता का बीमारी की वजह से देहांत हो गया. ऐसे में मां ने उन्हें पढ़ाया-लिखाया. बुमराह का बचपन काफी मुश्किलों में बिता. मां की नौकरी से ही घर चलता था. ऐसे में शुरुआत में बुमराह को क्रिकेट के जुड़ी चीजों के लिए जूझना पड़ता था. वे अपने दोस्तों के साथ वे सोसायटी में खेला करते थे. उनके बाकी दोस्तों को बल्लेबाजी पसंद थी लेकिन बुमराह केवल बॉलिंग करते थे. उन्होंने एक बार बताया था कि वे आंगन और दीवार की बीच की जगह पर लगातार गेंदों को मारा करते थे और इसी वजह से उन्हें यॉर्कर फेंकने में महारत हासिल हुई.
स्लिंग बॉलिंग एक्शन बना मुसीबत, इसी से बने यॉर्कर किंग
बुमराह स्कूल से लेकर कॉलेज तक क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे लेकिन उनका बॉलिंग एक्शन अलग था. इस वजह से उन्हें आगे बढ़ने में कुछ दिक्कतें हुईं. अंडर 19 लेवल पर एक बार इसी एक्शन की वजह से उन्हें टीम में नहीं चुना गया. आज यही एक्शन उन्हें बाकी गेंदबाजों से अलग बनाता है और इसकी वजह से ही बड़ा से बड़ा बल्लेबाज भी घबराता है. बुमराह एज लेवल क्रिकेट से ही टखने तोड़ने की पहचान बना चुके थे. गुजरात रणजी टीम में उनके साथी रहे मनप्रीत जुनेजा ने क्रिकेट मंथली को बताया था कि बुमराह को अंडर-23 टीम में खेलने का मौका इस वजह से मिला था कि जो बॉलर खेलने वाला था उसका पैर उसने यॉर्कर से तोड़ दिया था. ऐसे में बुमराह जो सेलेक्शन में चौथे नंबर पर थे, वे चुने गए.
मोहम्मद शमी के चोटिल होने पर मिली टीम इंडिया में एंट्री
साल 2013 बुमराह के लिए काफी खास रहा. तब उन्होंने गुजरात की ओर से घरेलू क्रिकेट में कदम रखा. फिर गुजरात को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई. उसी साल वे आईपीएल में मुंबई इंडियंस का हिस्सा बने. इसके बाद बुमराह ने पलटकर नहीं देखा. 2014 में वे टीम इंडिया में चुने जाने के दावेदार थे लेकिन घुटने में इंजरी की वजह से ऐसा नहीं हो सका. 2015-16 में उन्होंने गुजरात को विजय हजारे ट्रॉफी जिताने में मदद की. इसके बाद मोहम्मद शमी के चोटिल होने पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुना गया. भारत ने तीन मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का सफाया किया और बुमराह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर रहे. तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने उन्हें उस दौरे की खोज बताया. इसके बाद से बुमराह की टीम इंडिया में जगह पक्की हो गई.
कैसा रहा है बुमराह का T20I करियर
बुमराह ने 2016 में हुए टी20 वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद 2021 में भी खेले लेकिन कमर में चोट के चलते 2022 का टी20 वर्ल्ड कप नहीं खेल सके. उन्होंने अभी तक 62 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं और 74 विकेट लिए हैं. उनकी इकॉनमी 6.55 की तो औसत 19.66 की रही है. बुमराह इकलौते बॉलर हैं जो आईसीसी बॉलर्स रैंकिंग में तीनों फॉर्मेंट में टॉप पर पहुंचे हैं.
बुमराह 2013 से आईपीएल खेल रहे हैं लेकिन पहले सीजन में उन्हें केवल दो मैच खेलने को मिले थे. लेकिन तब से ही वे इस टीम के साथ रहे. उन्होंने आईपीएल में अपना पहला शिकार विराट कोहली को बनाया था. फिर 100वें विकेट के तौर पर भी कोहली को ही आउट किया.
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