दिल्ली की रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के पहले मुकाबले में हालत खराब है. पहली पारी में यश ढुल की टीम ने एक ऐसी टीम के खिलाफ अपने घुटने टेक दिए, जिसे इस टूर्नामेंट में काफी कमजोर माना जा रहा है. पुडुचेरी ने दिल्ली को पहली पारी में 148 रन पर ऑलआउट कर दिया. दिल्ली की पहली पारी को तबाह करने में सबसे बड़ा हाथ उस गेंदबाज का रहा, जिसे चैंपियन बनने के बाद अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
घर छोड़ने के बाद उस चैंपियन खिलाड़ी को बंगाल की खाड़ी पर बसे पुडुचेरी ने सहारा दिया. गौरव यादव (Gaurav Yadav), ये वो नाम है, जो दो सीजन पहले काफी चर्चा में रहा था. गौरव ने 2021-2022 में मध्यप्रदेश को चैंपियन बनाया था. मध्यप्रदेश की टीम पहली बार चैंपियन बनी थी. गौरव मध्यप्रदेश के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे. वो पिछले सीजन तक इस टीम का हिस्सा थे, मगर इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें अपनी घरेलू टीम मध्यप्रदेश को छोड़ना पड़ा, जिसके बाद पुडुचेरी ने उन्हें सहारा दिया और इस टीम के लिए रणजी ट्रॉफी के अपने पहले ही मैच में उन्होंने कहर बरपा दिया.
49 रन पर लिए 7 विकेट
गौरव ने दिल्ली के खिलाफ 49 रन पर 7 विकेट लिए, जिसमें उन्होंने 6 मेडन ओवर भी फेंके. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गौरव ने अपनी घरेलू टीम छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि उनका कोच चंद्रकांत पंडित के साथ सब कुछ सही नहीं चल रहा था. वो तीनों फॉर्मेट खेलना चाहते थे, मगर कोच उन्हें सीमित ओवर में मौका नहीं दे रहे थे. इसके बाद उन्होंने पुडुचेरी से खेलने का फैसला लिया था.
सीएसके भी नहीं जा पाए
वेंकटेश अय्यर ने उनके लिए बात की और पुडुचेरी की टीम तुरंत उन्हें मौका देने के लिए तैयार हो गई. गौरव का कहना है कि घर छोड़कर खेलने का फैसला करना आसान नहीं होता. गौरव को चेन्नई सुपर किंग्स बतौर नेट गेंदबाज के रूप में अपने साथ जोड़ना चाहती थी, मगर मध्यप्रदेश ने उन्हें रिलीज नहीं किया. गौरव ने कहा कि फ्रेंचाइजी ने एसोसिएशन को मेल भी किया था, मगर एसोसिएशन ने फ्रेंचाइजी को कहा कि वो उपलब्ध नहीं हैं.