सूर्यकुमार यादव भारतीय टी20 टीम के नए कप्तान हैं. उन्होंने रोहित शर्मा की जगह ली है. हार्दिक पंड्या टी20 फॉर्मेट में भारत के कप्तान बनने के दावेदार थे. लेकिन नए मुख्य कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने सूर्या को उन पर तवज्जो दी. बताया गया कि फिटनेस और ड्रेसिंग रूम में फीडबैक के चलते हार्दिक पिछड़ गए. 2007 टी20 वर्ल्ड कप टीम में शामिल रहे रॉबिन उथप्पा ने सूर्या को नया कप्तान बनाने के फैसले को सही माना है. उन्होंने कहा कि हार्दिक को कप्तानी नहीं देना चौंकाने वाला फैसला नहीं है सूर्या इस काम के लिए सही हैं. उथप्पा ने कहा कि कप्तानी नहीं मिलने से हार्दिक को निजी तौर पर बुरा लगेगा लेकिन जो कारण बताए गए हैं उससे आप बात समझ जाते हैं.
रॉबिन उथप्पा ने स्पोर्ट्स तक से बातचीत में भारतीय टीम के टी20 कप्तान के सवाल पर कहा कि हार्दिक को जिम्मेदारी नहीं मिलने पर एक खिलाड़ी के रूप में सहानुभूति हैं लेकिन सूर्यकुमार यादव भी टी20 में कमतर खिलाड़ी नहीं है. उन्होंने कहा कि हार्दिक के वर्कलोड मैनेजमेंट और लीडरशिप में स्थिरता के लिए सूर्या को जिम्मेदारी दी गई है. उथप्पा ने कहा,
निश्चित रूप से मैं हैरान नहीं था लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे हार्दिक पंड्या से सहानुभूति है क्योंकि उन्होंने अभी वर्ल्ड कप जीता है. उन्होंने काफी अहम प्रदर्शन और योगदान दिया है. वह वर्ल्ड कप विजेता टीम में योगदान देने वाले खिलाड़ी थे. गेंद और बल्ले दोनों से वह मुख्य योगदान देने वाले खिलाड़ी थे. अगर आपको याद है कि इरफान पठान के बाद हार्दिक इकलौते पेस बॉलिंग ऑलराउंडर हैं जिन्होंने भारत के वर्ल्ड कप जीतने में मदद की है. भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर काफी दुर्लभ है. इसलिए इस बात का ध्यान रखते हुए फैसला किया गया है. उनके वर्कलोड का ध्यान रखना होगा. उन्हें उनके टी20 और वनडे करियर को बढ़ाने में मदद करनी होगी. साथ ही लीडरशिप ग्रुप में निरंतरता के लिए सूर्या को चुना गया है. मुझे लगता है कि इन दो वजहों से सूर्या को कप्तानी मिली है.
उथप्पा बोले- हार्दिक को बुरा लगेगा लेकिन फैसला उनके हित में है
उथप्पा ने कहा कि टीम इंडिया में नेतृत्व को लेकर प्रयोग करने का यही समय है. नया कोच आया है तो उन्हें अपने आइडिया आगे ले जाने वाला शख्स चाहिए. गौतम सूर्या पर काफी भरोसा करते हैं. उथप्पा ने कहा,
जो भी प्रयोग करने हैं वे अभी कर सकते हैं. यह सही समय है यह देखने का कि कौन कप्तानी कर सकता है. भारतीय टीम में लीडरशिप का एक नया ग्रुप आया है. यह वैसा ही है जैसे किसी कॉर्पोरेट सेट अप में कोई नया सीईओ आता है. वे भविष्य में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काफी बदलाव करते हैं. इसलिए यह उसी तरह का बदलाव है. अगर आप निजी तौर पर देखेंगे तो बुरा लगेगा. मैं इस बात पर हार्दिक के साथ हूं. लेकिन जब आप हार्दिक को कप्तानी नहीं देने के कारण सुनते हैं तो साफ मतलब निकलता है. मुझे लगता है कि पंड्या के हिसाब से यह सही हुआ है.
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