'बिना रन बनाए और विकेट लिए पैसे मिल जाते हैं, उनका सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट वापस लो और...', सुनील गावस्कर ने बताए वेस्ट इंडीज क्रिकेट को सुधारने के उपाय

'बिना रन बनाए और विकेट लिए पैसे मिल जाते हैं, उनका सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट वापस लो और...', सुनील गावस्कर ने बताए वेस्ट इंडीज क्रिकेट को सुधारने के उपाय

वेस्ट इंडीज क्रिकेट (West Indies Cricket) इस समय रसातल में है. टीम वर्ल्ड कप 2023 के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई. टेस्ट में लगातार नाकामी झेल रही है. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में भी सुपर 12 में दाखिल नहीं हो पाई थी. दो बार वनडे और दो बार टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली इस टीम का पतन चिंताजनक है. क्रिकेट को चाहने वाले लगातार सोच रहे हैं कि आखिर कहां पर विंडीज क्रिकेट गड़बड़ कर रहा है. और किस तरह यह टीम फिर से पहले की तरह ताकतवर बनकर उभरेगी. 80 के दशक की खतरनाक वेस्ट इंडीज का डटकर सामना कर चुके भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) इस टीम के पतन के लिए खेल के अर्थशास्त्र को जिम्मेदार मानते हैं. वे बदलाव के लिए कुछ उपाय भी बताते हैं जिसके तहत सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट वापस लेने का सुझाव देते हैं.

 

उनका कहना है कि खिलाड़ियों को प्रदर्शन करने से पहले ही पैसे मिल जाते हैं. इसके चलते उनके लिए रन बनाना मतलब ही नहीं रखता है. उन्होंने दी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, 'यह वह जगह है जहां पर मैं अपने पहले दौरे के लिए गया था. मैं वहां बहुत से लोगों को जानता हूं. मुझे पता है कि उन कमाल के क्रिकेटर्स ने किस तरह की विरासत छोड़ी है. वहां थोड़ा मस्तमौला स्वभाव है जो अच्छी बात है लेकिन जब बात खेलने की आती है तो कई बार ऐसा स्वभाव आपको नतीजे नहीं देता है. क्लाइव लॉयड, मैल्कम मार्शल, विव रिचर्ड्स, एंडी रॉबर्ट्स, माइकल हॉल्डिंग, जोएल गार्नर जब खेलते थे तब वेस्ट इंडीज टेस्ट क्रिकेट का शानदार युग था. हरेक टेस्ट जो वे खेलते थे उससे अतिरिक्त कमाई होती थी.'

 

गावस्कर बोले- मैच फीस बढ़ाओ, कॉन्ट्रेक्ट वापस लो


गावस्कर ने विंडीज क्रिकेट के वर्तमान हालात के बारे में कहा, 'आज वेस्ट इंडीज के खिलाड़ियों को फिर चाहे टेस्ट का हो या टी20 का सभी के पास सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट होता है. यह हजारों डॉलर का होता है. लेकिन अगर आप वेस्ट इंडियन स्वभाव को देखेंगे और बिना कोई रन बनाए या विकेट लिए बैंक में इतने पैसे देखते हैं तो मुझे नहीं लगता कि उनमें से ज्यादातर को फर्क पड़ेगा कि रन बने हैं या नहीं. क्योंकि बैंक में पैसा तो है ही. मेरा सुझाव है कि टेस्ट मैच फीस बढ़ाओ लेकिन सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट मत दो. प्रदर्शन के आधार पर पैसा दो. तब शायद उनका अलग स्वभाव होगा.'
 

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