हर्षित राणा ने बिल्कुल अजीब परिस्थितियों में टीम इंडिया के लिए अपना टी20 डेब्यू किया. पुणे में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मैच में हर्षित राणा को शिवम दुबे के स्थान पर कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में शामिल किया गया था. राणा ने 8वें ओवर में मैदान पर आए और इंग्लैंड के कप्तान जॉस बटलर का कैच लिया. राणा के आने से टीम इंडिया को एक अतिरिक्त गेंदबाजी का विकल्प भी मिल गया. तेज गेंदबाज राणा ने 12वें ओवर में लियम लिविंगसटोन को कैच कराकर आक्रामक शुरुआत की.
16वें ओवर में उन्होंने फिर से कमाल दिखाया और जैकब बेथेल को महज 6 रन पर आउट कर दिया. उन्होंने अपना तीसरा विकेट जेमी ओवरटन को 19 रन पर आउट करके लिया और टीम को शानदार जीत दिलाई. हर्षित राणा को शिवम दुबे के कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारने को लेकर काफी बवाल मच गया है, क्योंकि एक तेज गेंदबाज को ऑलराउंडर के स्थान पर शामिल कर लिया गया था. कई पूर्व क्रिकेटर्स का कहना है कि ये लाइक फॉर लाइक सब्स्टीट्यूशन नहीं था.
क्या है कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम?
कन्कशन सब्स्टीट्यूट के लिए ICC की प्लेइंग कंडिशन नियम 1.2.7.3 के अनुसार-
ICC मैच रेफरी को आम तौर पर कन्कशन सब्स्टीट्यूट रिक्वेस्ट को मंजूरी देनी चाहिए, यदि रिप्लेसमेंट एक समान खिलाड़ी है,जिसके शामिल होने से बाकी बचे मैच में उस टीम को बहुत अधिक लाभ नहीं होगा.
नियम 1.2.7.7 के अनुसार-
किसी भी कन्कशन रिप्लेसमेंट रिक्वेस्ट के संबंध में ICC मैच रेफरी का फैसला अंतिम होगा और किसी भी टीम को अपील का कोई अधिकार नहीं होगा.
2019 में ICC के जनरल मैनेजेर (क्रिकेट) ज्योफ एलार्डिस ने ‘लाइक फॉर लाइक’ मुद्दे को क्लीयर करते हुए कहा था-