साउथ अफ्रीका एक बार फिर से वर्ल्ड कप सेमीफाइनल हार गया. एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया से मात मिली. एक बार फिर से पूरे टूर्नामेंट में अच्छा खेलकर भी नॉकआउट में उसका दम निकल गया. एक बार फिर फाइनल का सपना अधूरा रह गया. एक बार फिर से चोकर्स का धब्बा गहरा गया. साउथ अफ्रीका के वर्ल्ड कप में 31 साल के इतिहास में पांचवी बार ऐसा हुआ. अंतिम-चार की जंग प्रोटीयाज टीम के लिए वैसी ही साबित हो रही है जैसी नेपोलियन बोनापार्ट के लिए वाटरलू की लड़ाई साबित हुई थी. 1992 से वर्ल्ड कप में उसका सफर शुरू हुआ था जो 2023 तक आ पहुंचा है. इस दौरान कप्तान बदल गए, टीम में शामिल खिलाड़ी बदल गए, मैदान बदल गए, लक्ष्य बदल गए, नहीं बदला तो सेमीफाइनल का नतीजा. पांच सेमीफाइनल उसने खेले और इनमें हार, टाई, हार, हार और हार उसके हिस्से आई.
1992 में बारिश के चलते बदले लक्ष्य ने आंखों में आंसू और दिल में निराशा ला दी. जो जीत आंखों के सामने थी वह हर एक बरसती बूंद के साथ धुंधली होती गई और आखिर में धुल गई. सात साल बाद एलन डॉनल्ड 1999 में लांस क्लूजनर के एक रन के लिए खेले गए शॉट को ऐसे देखते रह गए मानो कोई खूबसूरत पेंटिंग की गई. मानो लू के थपेड़े झेल चुका राहगीर किसी छायादार पेड़ के नीचे पहुंच गया हो. वे खो गए और जीता हुआ मैच बराबरी पर छूट गया. इसके साथ ही वह अपुष्ट दावा सही साबित हो गया जिसमें कथित तौर पर स्टीव वॉ ने कैच छोड़े जाने पर हर्शल गिब्स से कहा था कि लड़के तुमने वर्ल्ड कप टपका दिया. 2019 के फाइनल से पहले तक क्रिकेट की दुनिया में इससे बदकिस्मत कोई नतीजा नहीं रहा था.
2007 और 2015 की निराशा
आठ साल बाद फिर से साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में आमने-सामने थे. ग्रीम स्मिथ की कप्तानी में प्रोटीयाज टीम से इतिहास बदलने की उम्मीद रखी गई थी. मगर सामने ऐसा प्रतिद्वंद्वी था जो वर्ल्ड कप में आखिरी बार 1999 में हारा था. जब मैच शुरू हुआ तो 10 ओवर के अंदर कहानी साफ हो गई. रिकी पोंटिंग की सेना के आगे साउथ अफ्रीका का दम निकल गया. कोई मुकाबला ही नहीं हुआ. 2015 में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर फिर से किस्मत आजमाई गई. काबिलियत दिखाई गई. इस बार सामने था न्यूजीलैंड जो घरेलू जमीन पर वर्ल्ड कप खेलते हुए अलग ही रंग में था. टक्कर आखिरी ओवर तक पहुंची. साउथ अफ्रीका को अपना ही हरा गया. जोहानिसबर्ग में जन्मे ग्रांट इलियट के सिक्स ने बहुत सारे सपनों को परवाज़ दी तो बहुत सारों को धरती पर ला पटका.
कैलेंडर में साल आया 2023 का. 300 से ऊपर के लक्ष्य देते हुए साउथ अफ्रीका विध्वंसक बैटिंग के सहारे फिर सेमीफाइनल में पहुंच गया. मगर जो ताकत थी वही कमजोरी बन गई. फिर से 10 ओवर में हार की पटकथा लिख ली. फिर से बारिश आई. फिर से वही दर्दनाक नतीजा. फिर से वही सपनों के टूटने का सिलसिला. फिर से ऑस्ट्रेलिया विजेता. फिर से साउथ अफ्रीका हारा.
एबी डिविलियर्स, जैक कैलिस, ग्रीम स्मिथ, शॉन पोलक, एलन डॉनल्ड, क्विंटन डिकॉक, मखाया एनटिनी, हैंसी क्रोन्ये, हाशिम अमला, फाफ डु प्लेसी जैसे सितारों ने क्रिकेट की दुनिया को कई सारे रिकॉर्ड्स से जगमग किया. लेकिन उनके घर की ट्रॉफी की कैबिनेट में सिवाय दर्द के कुछ नहीं.
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