हरमनप्रीत कौर की महिला टीम इंडिया पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी. टीम इंडिया ने नवी मुंबई के मैदान में साउथ अफ्रीका को 299 रन के लक्ष्य में 52 रन से हराया. भारत के लिए जब एक समय मैच हाथ से निकल रहा था तो बल्ले से 87 रन बनाने वाली शेफाली वर्मा ने आते ही विकेट लेकर भारत की तरफ मुमेंटम कर दिया. इस पर हरमनप्रीत कौर ने कहा कि मेरे दिल से आवाज आई कि उसका दिन है तो मैंने उसको गेंदबाजी दी और वहीं से मैच पलट गया.
हरमनप्रीत कौर ने शेफाली को लेकर क्या कहा ?
हरमनप्रीत कौर ने शेफाली वर्मा को लेकर कहा,
मुझे पता था कि आज उसका दिन है. मेरे दिल ने कहा, "उसे एक ओवर दे दो. मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनी. मैंने उससे पूछा कि क्या वो तैयार है, और उसने तुरंत हां कह दिया. वह हमेशा से गेंद से भी योगदान देना चाहती थी, और उस ओवर ने हमारे लिए सब कुछ बदल दिया. जब वह पहली बार टीम में शामिल हुई थी, तो हमने उससे कहा था कि उसे शायद दो या तीन ओवर फेंकने पड़ेंगे. अगर तुम मुझे गेंद दोगे तो मैं टीम के लिए दस ओवर डाल सकती हूं!" उसका आत्मविश्वास इतना ज़्यादा है. वह निडर, सकारात्मक और टीम के लिए हमेशा आगे आने को तैयार रहती है.
52 साल में पहली बार हुआ ये करिश्मा
वहीं वर्ल्ड कप फाइनल मैच की बात करें तो टीम इंडिया के लिए सेमीफाइनल मैच से आने वाली शेफाली वर्मा ने कमाल कर दिया. शेफाली ने फाइनल में 87 रन की पारी खेली तो बाद में दीप्ति शर्मा ने भी 58 रन बनाए. जिससे महिला टीम इंडिया ने 299 रन का लक्ष्य देने के बाद साउथ अफ्रीकी टीम को 246 रन पर ढेर कर दिया. जिसमें भारत के लिए स्पिनर दीप्ति शर्मा ने पांच विकेट हॉल लेकर कमाल कर दिया. दीप्ति की गेंदबाजी से टीम इंडिया ने 52 साल बाद 52 रन से वर्ल्ड कप जीत के सूखे को समाप्त कर दिया.

