हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली महिला टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया. ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल और उसके बाद साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर सब कुछ बदल दिया. भारत में होने वाले महिला क्रिकेट के लिए ये बहुत बड़ा पल है और इस ऐतिहासिक जीत ने महिला क्रिकेट को नए पंख दिए. ऐसे में हरमनप्रीत कौर को चैंपियन बनाने में चलिए जानते हैं कि कौन सी सेपशल 11 का भी अहम योगदान रहा. जिसने पर्दे के पीछे रहकर अपना काम बखूबी किया तो देश को महिला क्रिकेट में पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी मिली.
गेंदबाजी कोच
महिला टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच की भूमिका आविष्कार साल्वी ने निभाई. मुंबई से आने वाले साल्वी को साल 2024 में महिला टीम इंडिया का गेंदबाजी कोच बनाया गया. उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई,जिससे टीम इंडिया ये मुकाम हासिल कर सकी.
फील्डिंग कोच
क्रिकेट के मैदान में बैटिंग, बॉलिंग से भी अधिक महत्वपूर्ण फील्डिंग होती है. फील्डिंग के मामले में महिला टीम इंडिया के फील्डिंग कोच की भूमिका मुनीश बालि ने निभाई. बालि साल 2022 से टीम इंडिया के साथ है. जबकि साल 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी वो हिस्सा थे. इसके बाद साल 2011, 2012 में भी वो महिला टीम इंडिया के साथ काम कर चुके हैं.
स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच
महिला टीम इंडिया के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच अशोक अयंगर हर्षा थे और बीसीसीआई की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में भी वो स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग (एस एंड सी) कोच हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में हैदराबाद से आने वाला ये पूर्व क्रिकेटर, एनसीए में छह वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं.
महिला टीम इंडिया का 11 सदस्यीय सपोर्ट स्टाफ :- अमोल मुजुमदार (मुख्य कोच और बल्लेबाजी कोच), आविष्कार साल्वी (गेंदबाजी कोच), मुनीश बाली (फील्डिंग कोच), ए. आई. हर्षा (एस एंड सी कोच), अनिरुद्ध देशपांडे (प्रदर्शन विश्लेषक), हरिनी मुरली (टीम डॉक्टर), राखी वी डारने (प्रमुख फिजियोथेरेपिस्ट), आकांक्षा सत्यवंशी (टीम फिजियोथेरेपिस्ट), धनंजय कौशिक (टीम प्रमुख एसएसएम), पूर्वा केट, ममता श्रीसुल्ला (मसाजर).
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