भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले पर्थ में पांच दिन तक प्रैक्टिस की थी. इस दौरान दो दिन तक मैच जैसे हालातों में अभ्यास किया गया. लेकिन जब ऑप्टस स्टेडियम मे टीम इंडिया बल्लेबाजी करने उतरी तो सारी तैयारियों पर पानी फिर गया. ऑस्ट्रेलिया की गजब की बॉलिंग ने भारतीय बल्लेबाजों को नाकाम कर दिया. कप्तान जसप्रीत बुमराह ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी थी. इसके बाद पूरी तरह से मेजबान गेंदबाजों का जलवा रहा. टॉप ऑर्डर के दो बल्लेबाज खाता तक नहीं खेल पाए तो बल्ले से पहला रन चौथे ओवर की आखिरी गेंद पर आया. पहला चौका 12वें ओवर में जाकर लगा और वह भी डिफेंस में गलती के चलते. भारतीय पारी की पहली 70 गेंद में केवल 14 रन थे और इनमें भी आठ रन ही बल्ले से आए थे.
यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ओपनिंग करने उतरे. भारतीय पारी का पहला रन तो पहली ही गेंद पर आ गया था जब मिचेल स्टार्क ने जायसवाल को लेग स्टंप से बाहर गेंद डाली जिसे विकेटकीपर एलेक्स कैरी पकड़ नहीं पाए और भारत को बाई से चार रन मिले. इसके बाद यशस्वी पहले विकेट के रूप में आउट हुए. वे स्टार्क की गेंद पर गली में लपके गए.
चौथे ओवर में भारत का बल्ले से पहला रन
जायसवाल आठ गेंद में डक पर आउट हुए. उनके बाद देवदत्त पडिक्कल बैटिंग के लिए आए. उन्होंने 23 गेंद का सामना किया लेकिन रन नहीं बना सके. भारतीय पारी का पहला बल्ले से रन चौथे ओवर में आया. राहुल ने जॉश हेजलवुड की गेंद को पॉइंट की तरफ खेला और तीन रन बनाए. 10 ओवर के बाद भारत का स्कोर एक विकेट पर 14 रन था. इनमें से आठ रन राहुल के बल्ले से आए थे. पडिक्कल 23 गेंद खेलकर हेजलवुड के शिकार बने और बिना खाता खोले लौट गए.
राहुल ने लगाया भारतीय पारी का पहला चौका
भारतीय पारी का पहला चौका 12वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आया. ये रन भी अनचाहे तरीके से थे. पैट कमिंस की गेंद को राहुल छोड़ना चाहते थे लेकिन वह उनके बल्ले के ऊपरी किनारे पर लगी और स्लिप के ऊपर से चौके के लिए निकल गई. इस तरह भारत को दौरे की पहली बाउंड्री मिली. पर्थ की पिच पर सभी भारतीय बल्लेबाजों को पहला रन बनाने में दिक्कत झेलनी पड़ी. वाशिंगटन सुंदर टॉप आठ बल्लेबाजों में इकलौते रहे जिन्होंने तीन गेंद में खाता खोल लिया. बाकी सभी को कम से कम छह गेंद लगी.