न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली बुरी तरह फ्लॉप हुए जिसके बाद उनकी जमकर फजीहत हो रही है. ऐसे में कई पूर्व क्रिकेटर्स दोनों को डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने की राय दे रहे हैं. रोहित शर्मा ने पूरी सीरीज में जहां 91 रन बनाए वहीं विराट कोहली के बल्ले से सिर्फ 93 रन निकले. इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर और सेलेक्टर रह चुके देवांग गांधी ने बड़ा बयान दिया है.
सचिन का दिया उदाहरण
देवांग ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया और कहा कि इतना व्यस्त शेड्यूल होने के बावजूद सचिन फर्स्ट क्लास गेम्स खेलते थे. साल 2000 में मुंबई और तमिलनाडु का सेमीफाइनल था और उस दौरान सचिन ने दोहरा शतक ठोका था. टीम यहां 500 रनों से ज्यादा के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. सचिन ने पहली पारी में 233 रन ठोके. खूब गर्मी थी और सचिन ने 10 ओवर गेंदबाजी भी की.
देवांग ने आगे कहा कि, इसके तीन दिन बाद उन्हें हैदराबाद के खिलाफ फाइनल खेलना था. सचिन ने सेमीफाइनल और फाइनल दोनों खेला था. ऐसे में वर्तमान के क्रिकेटर्स को भी डोमेस्टिक में हिस्सा लेना चाहिए.
रोहित- कोहली को खेलना था दलीप ट्रॉफी: देवांग
बता दें कि वर्तमान में सीनियर क्रिकेटर रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, रोहित और कोहली ने दलीप ट्रॉफी खेलने से मना कर दिया. वहीं पंत, सुंदर और गिल ने हिस्सा लिया और इन तीनों खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया. कोहली ने साल 2013 में आखिरी बार रणजी खेला था. वहीं रोहित ने साल 2015 में मुंबई के खिलाफ अपना आखिरी रणजी खेला था.
बता दें कि सचिन ने 200 टेस्ट मैचों में कुल 310 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले हैं. सचिन ने 110 फर्स्ट क्लास मैच उस दौरान खेला जब टीम का शेड्यूल काफी ज्यादा व्यस्त था. वहीं कोहली ने साल 2006 के बाद से अब तक 32 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं जबकि रोहित ने 61 मैच. हालांकि यहां ये भी बात आती है कि सचिन के जमाने के क्रिकेटर्स को टी20 क्रिकेट नहीं खेलना पड़ता था.
ऐसे में गांधी ने कहा कि, हां वर्कलोड और आराम बेहद ज्यादा जरूरी है. बैटर्स को अगर लगता है कि वो अच्छी फॉर्म में नहीं हैं तो आपको डोमेस्टिक क्रिकेट की तरफ जाना चाहिए. मुझे लगता है कि इन खिलाड़ियों को दलीप ट्रॉफी खेलना चाहिए था.
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