राजस्थान रॉयल्स, आईपीएल ट्रॉफी सबसे पहली बार जीतने वाली टीम. 2008 में शेन वॉर्न की कप्तानी में राजस्थान ने यह कमाल किया था. इस टीम में बड़े सितारे नहीं थे लेकिन अनजाने चेहरों के साथ इसने खेल इतिहास के सबसे बड़े उलटफेर में से एक करते हुए पहली कोशिश में ही खिताब जीता था. इस चैंपियन टीम में एक खिलाड़ी ऐसा था जो उसके साथ अगले पांच साल रहा. लगातार विकेट निकाले. आज भी वह राजस्थान रॉयल्स की ओर से आईपीएल में दूसरा सर्वाधिक विकेट लेने वाला बॉलर है लेकिन बहुत कम फैंस उन्हें जानते होंगे. यह खिलाड़ी है मीडियम पेसर सिद्धार्थ त्रिवेदी. गुजरात से आने वाला गेंदबाज जो 2008 से 2013 तक आईपीएल में राजस्थान के लिए खेला. लेकिन फिर आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल हुआ और इसकी जद में आने से त्रिवेदी का आईपीएल करियर पूरा हो गया. स्पोर्ट्स तक की खास पेशकश गुमनाम सितारे में जानते हैं सिद्धार्थ त्रिवेदी की कहानी.
त्रिवेदी ने 19 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. गुजरात की ओर से घरेलू क्रिकेट में खेलने को उतरे. चतुराई भरी मीडियम पेस के दम पर उन्हें 2002 में हुए आईसीसी अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया. वहां सात मैच में नौ शिकार किए. उभरते हुए गेंदबाज के तौर पर पहचान बनाने के बाद बॉर्डर-गावस्कर स्कॉलरशिप मिली और पांच सप्ताह के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ट्रेनिंग की. वहां से आने पर 2003 चैलेंजर ट्रॉफी के लिए इंडिया बी टीम में चुने गए. घरेलू क्रिकेट में उनका खेल ठीकठाक रहा लेकिन ऐसा नहीं था जिससे टीम इंडिया का टिकट मिल पाता.
सिद्धार्थ त्रिवेदी का आईपीएल करियर कैसा रहा
जब 2008 में आईपीएल का आगाज हुआ तो उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने चुन लिया. यहां पहले ही सीजन में 15 मुकाबले खेले और 13 विकेट लेकर टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. उनके खेल से शेन वॉर्न काफी प्रभावित थे. त्रिवेदी इसके बाद 2013 तक लगातार राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा रहे. 2009 के सीजन के अलावा बाकी सभी में लगभग पूरे मैच खेले. साउथ अफ्रीका में खेले गए दूसरे सीजन में वे सात ही मैच खेले. यह उनकी आईपीएल करियर में इकलौता सीजन रहा जहां उन्हें 10 से कम विकेट मिले. संयोग से इस सीजन वह 10 से कम मैच भी खेले. राजस्थान के लिए छह सीजन में उन्होंने 76 मुकाबले खेले और 65 विकेट लिए. उनके विकेट 7.59 की इकॉनमी और 23.17 की स्ट्राइक रेट के साथ आए. 25 रन देकर चार विकेट उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा.
राजस्थान रॉयल्स के सबसे कामयाब भारतीय बॉलर
आईपीएल के 16 सीजन बाद राजस्थान के लिए सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन के नाम है. उन्होंने 67 विकेट लिए. वहीं त्रिवेदी ने 65 शिकार किए. इस तरह वे राजस्थान रॉयल्स के सबसे कामयाब भारतीय बॉलर हैं. दिलचस्प बात है कि वॉटसन ने 76 पारियों में बॉलिंग की तो त्रिवेदी ने 75. वे राजस्थान की ओर से विकेट लेने में 2008 में पांचवें, 2009 में चौथे, 2010 में पहले, 2011 में दूसरे, 2012 में पहले और 2013 में चौथे नंबर पर रहे थे.
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और त्रिवेदी पर बैन
त्रिवेणी के आईपीएल करियर पर 2013 के सीजन के बाद ग्रहण लगा. उस साल राजस्थान के तीन खिलाड़ियों श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को स्पॉट फिक्सिंग में पकड़ा गया. इस मामले में त्रिवेदी का नाम भी उड़ा लेकिन वे इस मामले से दूर थे. लेकिन उन पर एक साल का बैन लगा. इसकी वजह यह थी कि उनसे एक बुकी ने संपर्क किया था और इसकी जानकारी उन्होंने बीसीसीआई को नहीं दी थी. ऐसे में 12 महीनों तक वे खेल से दूर हो गए. इसके बाद वे घरेलू क्रिकेट में तो खेलने के लिए लौटे लेकिन आईपीएल के मौके खत्म हो गए. तब तक वे 31 साल के हो चुके थे.
सिद्धार्थ त्रिवेदी की बैन पर सफाई
त्रिवेदी ने 12 महीनों के बैन को लेकर कहा था कि उन्होंने बीसीसीआई के सामने अपना पक्ष रखा था. लेकिन उन्होंने सजा देना उचित समझा. उनका मामला तो 2013 का था भी नहीं. वह तो 2012 से जुड़ा हुआ था. वे कथित तौर पर जिस बुकी से मिले थे वह घटना आईपीएल के दौरान नहीं हुई थी. लेकिन वह बीसीसीआई के फैसले के सामने कुछ नहीं कर सकते थे.
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