रणजी ट्रॉफी 2024-25 फाइनल में केरल ने विदर्भ को पहली पारी में 379 रन पर समेट दिया. इसमें युवा तेज गेंदबाज एधन एपल टॉम का अहम रोल रहा. उन्होंने 102 रन देकर तीन विकेट लिए जिनमें विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर, इस सीजन दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले यश राठोड़ और ओपनर ध्रुव शौरी शामिल रहे. एधन का यह तीसरा ही फर्स्ट क्लास मैच है और इस सीजन तो वे पहली बार खेल रहे हैं वह भी सीधे रणजी फाइनल में. 19 साल के इस खिलाड़ी ने 2022 में मेघालय के खिलाफ मुकाबले से फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. अपनी बॉलिंग के साथ ही वह नाम की वजह से भी चर्चा बटोरते हैं.
एधन का नाम काफी अनोखा है. इस बारे में उन्होंने बताया था कि उनका नाम एधन है इसके बाद पिता का नाम आता है जो एपल हैं. फिर परिवार का सरनेम लिखा जाता है. एधन के अनुसार, उनके दादा सिंगापुर में काम करते थे और उन्होंने अपने बेटे का नाम एपल रखा था. एधन का जन्म पठनमथिट्टा में हुआ. लेकिन बचपन दुबई में बीता क्योंकि उनके मात-पिता वहीं पर एयरपोर्ट पर काम किया करते थे. फिर दुबई में ही एकेडमी कोच सोनी चेरुवथूर के कहने पर एधन केरल शिफ्ट हो गए. उनके पिता ने बेटे का क्रिकेट में करियर बनाने के लिए नौकरी छोड़ दी.
एधन कोच के कहने पर दुबई से केरल आए
एधन के कोच भी दुबई से केरल आ गए थे. यहां पर सोनी के साथ उन्होंने लव ऑल स्पोर्ट्स एकेडमी में प्रैक्टिस शुरू की. जब एधन 15 साल के हुए तब केरल के कोच और पूर्व तेज गेंदबाज टीनू योहानन की नज़रों में आ गए. उन्होंने उन्हें सीनियर टीम के कैंप में बुलाया और बॉलिंग कराई. यहां एधन ने सबको प्रभावित किया. एक साल बाद यानी 2022 में एधन ने केरल के लिए रणजी डेब्यू किया. इस मैच में पहली ही गेंद जो उन्होंने फेंकी उस पर विकेट चटकाया. इस तरह वह केरल के पहले बॉलर बने जिन्होंने फर्स्ट क्लास डेब्यू में पहली ही गेंद पर विकेट लिया. डेब्यू मैच में एधन ने कुल छह विकेट लिए और प्लेयर ऑफ दी मैच बने.
एधन को रणजी डेब्यू के बाद तब झटका लगा जब उनकी पीठ में स्ट्रेस फ्रेक्चर हो गया और इसकी वजह से वह खेल से दूर हो गए. करीब एक साल तक वह खेल नहीं पाए. चोट से उबरने के बाद उन्होंने केरल के लिए लिस्ट ए डेब्यू भी किया.