'धोनी से पूछूंगा मुझे शतक लगाने के बाद टीम इंडिया से क्यों निकाला?', भारतीय दिग्गज ने संन्यास लेकर बोला हमला, कहा- मैं भी रोहित-कोहली बन जाता

'धोनी से पूछूंगा मुझे शतक लगाने के बाद टीम इंडिया से क्यों निकाला?', भारतीय दिग्गज ने संन्यास लेकर बोला हमला, कहा- मैं भी रोहित-कोहली बन जाता
मनोज तिवारी (दाएं) ने इकलौता वनडे शतक वेस्ट इंडीज के खिलाफ दिसंबर 2011 में बनाया था.

Story Highlights:

मनोज तिवारी ने रणजी ट्रॉफी 2023-24 के साथ संन्यास ले लिया.

मनोज तिवारी ने भारत के लिए 12 वनडे मुकाबले खेले.

भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट से संन्यास ले लिया. उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2023-23 में बिहार के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला. मनोज तिवारी ने संन्यास के बाद भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे भी इंटरनेशनल क्रिकेट में कमाल कर सकते थे. उनके पास भी विराट कोहली और रोहित शर्मा की तरह चमकने की संभावना थी लेकिन पर्याप्त मौके नहीं मिले. मनोज तिवारी ने भारत के लिए 12 वनडे मुकाबले खेले जिनमें 287 रन बनाए. उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक लगाया.

मनोज को दिसंबर 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद वे 14 मैचों तक उन्हें मौका नहीं मिला. शतक के बाद उनका अगला मैच जुलाई 2012 में श्रीलंका के खिलाफ था. वापसी के बाद दूसरे ही मैच में उन्होंने 65 रन की पारी खेली. इसके बाद वे फिर से बाहर हो गए और 2014 में जाकर फिर से भारत के लिए खेल पाए. उस समय धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे.

मनोज धोनी पर क्या बोले

 

मनोज घरेलू क्रिकेट में बने दिग्गज

 

मनोज ने 38 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान किया. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त खेल दिखाया. उनके नाम 148 फर्स्ट क्लास मैच में 47.86 की औसत से 10195 रन रहे. 30 शतक और 35 अर्धशतक उन्होंने इस फॉर्मेट में लगाए. 169 लिस्ट ए मैचों में मनोज ने 42.28 की औसत से 5581 रन बनाए. 

 

ये भी पढे़ं

जो टीम इंडिया से ड्रॉप हुआ, रणजी ट्रॉफी खेलने को भेजा गया उसने 10 विकेट लेकर तहलका मचाया, पारी और 204 रन से दिलाई जीत

KKR ने बीटेक धारी जिस खिलाड़ी को बिना खिलाए बाहर किया उसने शतक से मचाई धमाचौकड़ी, रणजी ट्रॉफी में हासिल किया सबसे बड़ा टारगेट
93 गेंदों पर बनाए 11 रन और बन गया टीम का हीरो, हनुमा विहारी के दोस्त ने आठवें नंबर पर उतरकर कैसे टाली टीम की हार!