किसान के बेटे ने किया कमाल, 12 साल की उम्र में रणजी डेब्यू करके तोड़ा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड!

किसान के बेटे ने किया कमाल, 12 साल की उम्र में रणजी डेब्यू करके तोड़ा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड!
वैभव सूर्यवंशी और सचिन तेंदुलकर

Highlights:

वैभव सूर्यवंशी ने 13 साल से कम उम्र में किया रणजी डेब्यू

रणजी ट्रॉफी में जारी मुंबई बनाम बिहार का मैच

भारत के घरेलू सर्किट में जैसे ही रणजी ट्रॉफी के 2023-24 (Ranji Trophy) सीजन का आगाज हुआ. उसके पहले दिन ही बिहार के एक किसान के बेटे ने बड़ा कमाल कर डाला. बिहार के क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी का नाम जैसे ही बिहार की रणजी टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया. उसी समय वह भारत की रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने वाले अभी तक के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. इससे पहले ये रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम था. जिन्होंने 15 साल की उम्र में मुंबई की टीम से रणजी ट्रॉफी का डेब्यू मैच खेला था. वैभव की उम्र अभी 12 साल 284 दिन है. इस ख़ास मौके पर वैभव के किसान पिता संजीव सूर्यवंशी ने आज तक से बातचीत करते हुए वैभव का आधार कार्ड दिखा कर उसकी उम्र की पुष्टि भी कर डाली.

 

वैभव के पिता ने बताया सफर 


राजधानी पटना के मोइनुद्दीन स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच रणजी ट्रॉफी का मुकाबला चल रहा है. इस मुकाबले में बिहार के बाएं हाथ की सलामी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने डेब्यू किया है. वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने आज तक से बातचीत करते हुए बताया की वैभव पिछले एक सालों में छह बड़े-बड़े टूर्नामेंट खेल चुका है. इसमें हेमंत ट्रॉफी, वीनू मांकड़ ट्रॉफी और कुच बिहार ट्रॉफी भी शामिल है. इसके अलावा इंडिया अंडर-19 के लिए भी वैभव ने क्रिकेट खेला था. 2024 की शुरुआत में ही वह बिहार टीम के तरफ से रणजी में डेब्यू किया. वैभव के पिता ने कहा कि मेरे बेटे के लिए गर्व की बात है कि वह अजिंक्य रहाणे, शिवम दुबे और धवल कुलकर्णी जैसे खिलाड़ियों के सामने खेल रहा है. मेरा बेटा एक विस्फोटक बल्लेबाज है. वह हर अलग-अलग टूर्नामेंट में खूब विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी करते आ रहा है. इस टूर्नामेंट में भी वह खूब सारे रन बनाएगा और आने वाले समय में भारत के लिए भी बल्लेबाजी करता दिखेगा.

 

पांच साल की उम्र में वैभव ने थामा था बल्ला 


वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने आगे कहा कि मैं भी गांव में खूब क्रिकेट खेलता था और फिर मैं वैभव को 5 साल की उम्र में क्रिकेट के प्रति रुचि देखा. इसके बाद में वैभव को लगातार क्रिकेट खेलने के लिए ले जाया करता था. जब वह 10 साल का था तो वह सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलता था और बेहतर प्रदर्शन करता था. फिर मैंने समस्तीपुर और बाद में पटना में उसे क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवानी शुरू कर दी और वैभव खूब मेहनत करता गया और उसी का नतीजा है कि इतने कम उम्र में ही वह बिहार के लिए रणजी क्रिकेट खेल रहा है.

 

(रिपोर्ट - अनिकेत कुमार, पटना)

 

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