'मैं डेढ़ साल डिप्रेशन और गुस्से में था, मगर...', टीम इंडिया से बाहर रहने पर अमित मिश्रा का दर्द आया बाहर, रिटायरमेंट के बाद अपने हाल का किया खुलासा

'मैं डेढ़ साल डिप्रेशन और गुस्से में था, मगर...',  टीम इंडिया से बाहर रहने पर अमित मिश्रा का दर्द आया बाहर, रिटायरमेंट के बाद अपने हाल का किया खुलासा
अमित मिश्रा

Story Highlights:

अमित मिश्रा ने पेशेवर क्रिकेट से संन्‍यास का ऐलान किया.

अमित मिश्रा भारत के लिए 68 मैच खेले.

भारत के स्‍टार लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 42 साल की उम्र में पेशेवर क्रिकेट को अलविदा कह दिया. उन्‍होंने गुरुवार को अपने 25 साल के करियर से संन्‍यास का ऐलान किया. संन्‍यास के बाद अमित मिश्रा ने डेब्‍यू के बाद पांच साल तक मैदान से बाहर रहने के कारण डिप्रेशन से अपनी लड़ाई का खुलासा किया. अमित मिश्रा ने 2003 में ढाका में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट करियर की शुरुआत की थे. अपने पहले मैच में उन्होंने पांच ओवर फेंके थे और नील मैकेंजी का एक विकेट लिया था.

मेरे डेब्‍यू के बाद मेरे करियर में पांच साल का अंतराल था. अगर यह अंतराल नहीं होता, तो मैं और मैच खेल सकता था.

 

 

ANI के अनुसार मिश्रा ने कहा-

मैंने 2003 में वनडे में डेब्यू किया था. उसके बाद पांच साल का अंतराल रहा. मैं पांच साल तक भारतीय टीम में वापसी नहीं कर सका. मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और सब कुछ कर रहा था, लेकिन मैं कोई पछतावा नहीं कह सकता. मैं इतना ज़रूर कह सकता हूं कि अगर मैंने पहले वापसी की होती, 3-4 साल पहले या दो साल पहले तो मैं ज़्यादा मैच खेल सकता था और बेहतर प्रदर्शन कर सकता था. तो यह एक बात है. कोई पछतावा नहीं है.

 

 

इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहने के दौरान मिश्रा हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते रहे. उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया.

जब भी मुझे मौका मिला, मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. भले ही मैं इतनी बड़ी लीग में खेला, इतनी बड़ी जगहों पर खेला, दुनिया भर में खेला, मैंने वहां खुद को साबित किया. मैंने वहां अच्छा प्रदर्शन किया, जब लोगों को मुझ पर विश्वास नहीं था. उसके बाद हर टीम ने अपनी टीम में दो बाएं हाथ के स्पिनर रखने शुरू कर दिए. इसलिए मैं अपने करियर से वाकई खुश हूं. हां मेरे करियर में उतार-चढ़ाव आए.

अमित मिश्रा करीब एक साल डिप्रेशन में भी रहे, मगर उन्‍होंने खुद को मोटिवेट करने के तरीके खोजे.