टीम इंडिया के दो दिग्गज एमएस धोनी और विराट कोहली जितने अच्छे बैटर्स हैं उतने अच्छे कप्तान भी रह चुके हैं. धोनी ने वो हासिल किया है जो अब तक कोई भारतीय कप्तान नहीं कर पाया है. धोनी ने तीन आईसीसी खिताब अपने नाम किए हैं. जबकि कोहली टेस्ट के सबसे सफल कप्तान रह चुके हैं. इन दोनों ही खिलाड़ियों की कप्तानी में कई खिलाड़ियों ने डेब्यू किया और कई का करियर खत्म हुआ. लेकिन कुछ ऐसे भी थे जो मौके पाने की तलाश में काफी पीछे रह गए.
इसी में एक नाम टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर अमित मिश्रा का है. इस स्पिनर ने अनिल कुंबले की कप्तानी में डेब्यू किया था और ये धोनी और कोहली की कप्तानी में भी खेल चुके हैं. लेकिन चोट और खराब फॉर्म की वजह से मिश्रा अक्सर टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं. मिश्रा के करियर की बात करें तो उन्होंने 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 खेले हैं. इस दौरान उनके नाम कुल 156 विकेट हैं. उन्होंने अब तक रिटायरमेंट का ऐलान नहीं किया है लेकिन वो जानते हैं कि उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच कब खेला था. मिश्रा ने अब धोनी और विराट कोहली को लेकर बड़ा खुलासा किया है और कहा है कि साल 2010 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट के दौरान मैंने 7 विकेट लिए थे और अर्धशतक भी ठोका था लेकिन अगले मैच में मुझे प्लेइंग 11 से बाहर कर दिया गया.
धोनी ने कर दिया था प्लेइंग 11 से बाहर
विराट कोहली ने भी नहीं दिया जवाब
अमित मिश्रा को साल 2014 टी20 वर्ल्ड कप टीम में जगह मिली थी. इस दौरान वो खुद का नाम आईपीएल के दिग्गज स्पिनरों में शामिल कर रहे थे. लेकिन धोनी की कप्तानी से लेकर कोहली की कप्तानी तक मिश्रा का करियर कभी नहीं बदला. अगर धोनी ने मिश्रा को बाहर किया तो कोहली ने उन्हें कभी नहीं बताया कि वो उन्हें प्लेइंग 11 के भीतर क्यों नहीं रखना चाहते हैं. कोहली की कप्तानी में मिश्रा ने अपने आखिरी 9 टेस्ट खेले. लेकिन अंत में उन्हें साइडलाइन कर दिया गया.
मिश्रा ने आगे कहा कि "मेरे करियर में सबसे बुरा तब हुआ जब पांच साल पहले मुझे घुटने में चोट लगी थी. यह मैच के बीच में हुआ था. इससे पहले की सीरीज में मैं मैन ऑफ द सीरीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैन ऑफ द मैच था. और यह उस समय नियम हुआ करता था, मुझे नहीं पता कि यह अब भी होता है या नहीं, लेकिन अगर आप खेलते समय चोटिल हो जाते हैं, तो आपको वापसी का मौका मिल जाता है. ऐसा ऋद्धिमान साहा, अनिल कुंबले और हार्दिक पांड्या के साथ हुआ है. लेकिन मुझे कभी वापसी का मौका नहीं मिला." उन्होंने आगे कहा कि, "आईपीएल के दौरान, हमारा आखिरी मैच आरसीबी के खिलाफ था. मैंने विराट से अपने करियर के बारे में स्पष्ट तस्वीर मांगी. उन्होंने कहा 'मिशी भाई, मैं पूछूंगा और आपको बताऊंगा'. विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ 2016 में मेरी वापसी श्रृंखला में मेरी मदद की. मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और भारत को एक लेग स्पिनर की जरूरत थी जो श्रीलंका में गेंदबाजी कर सके. जब मैं वापस आया, तो उन्होंने कहा, 'आज से, तुम मेरे साथ फिटनेस के लिए ट्रेनिंग लोगे'. मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी तरह वजन नहीं उठा सकता, लेकिन मैं दौड़ सकता हूं और जो कुछ भी आप करना चाहते हैं, कर सकता हूं. फिर मैं घायल हो गया, इसलिए मैंने उनसे फिर से पूछा, लेकिन मुझे कभी भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला. मैंने उन्हें मैसेज किया. उन्होंने मैसेज पढ़ा और कहा 'मैं आपको बता दूंगा' लेकिन कभी नहीं बताया."
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