पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा डिप्रेशन से जंग लड़ चुके हैं. उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था, जब वो शर्म के चलते आईने में भी खुद को नहीं देख पाते थे. उनका कहना है कि डिप्रेशन से गुजरना मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने कहा कि जब उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया था, तो उन्हें बिस्तर से उठना और शर्म के मारे खुद को आईने में देखना मुश्किल लगता था. उस समय वो अपने करियर के शुरुआती दौर में थे और 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे. उन्होंने अपनी जिंदगी के उस बुरे दौर को याद किया, जब 2011 में वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे.
हाल में इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प ने सुसाइड किया था. उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की थी कि वो डिप्रेशन से जूझ रहे थे. वो कई ट्रीटमेंट से गुजरे, मगर किसी से भी उनके मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव नजर नहीं आया. 38 साल के उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर डिप्रेशन को लेकर बात की. उन्होंने कहा-
मैंने हाल ही में ग्राहम थोर्प के बारे में सुना और हमने कई क्रिकेटरों के बारे में सुना है. जिन्होंने डिप्रेशन के कारण अपनी जान ले ली. पहले भी हमने ऐसे एथलीटों और क्रिकेटरों के बारे में सुना है जिन्होंने क्लिनिकल डिप्रेशन के कारण अपनी जान ली. मैं खुद भी इस स्थिति से गुजरा हूं. मैं इस फैक्ट से वाकिफ हूं कि ये एक सुंदर यात्रा नहीं है. ये दुर्बल करने वाला, थका देने वाला और भारी है. ये बोझिल लगता है.
उथप्पा ने आगे बताया कि डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति को कैसा महसूस होता है. उन्होंने कहा-
आपको लगता है कि आप बेकार हैं. आपको लगता है कि आप उन लोगों के लिए बोझ हैं जिन्हें आप प्यार करते हैं. आपको लगता है कि आप बिल्कुल निराश हैं. हर कदम भारी और भारी लगता है. हर कदम पर आपको लगता है कि आप पर और बोझ डाला जा रहा है और बस स्थिर महसूस करते हैं. हफ्तों, महीनों और सालों से मेरी बिस्तर से बाहर निकलने की इच्छा नहीं थी.
उथप्पा ने अपने मुश्किल समय को याद करते हुए कहा-
मुझे याद है कि 2011 में मैं बतौर इंसान जो बना, उससे इतना शर्मिंदा था कि मैं खुद को आईने में नहीं देख सकता था. मैं 2011 में खुद को आईने में देखे बिना ही रह गया. मैंने खुद को देखने का कोई भी मौका या यहां तक कि एक भी मौका नहीं छोड़ा और मैं जानता हूं कि उन पलों में मैं कितना हारा हुआ महसूस करता था. मैं जानता हूं कि मेरा अस्तित्व कितना बोझिल हो गया था. मैं जानता हूं कि जीवन में उद्देश्यपूर्ण होने से मैं कितना दूर चला गया था.
मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद उथप्पा का करियर अच्छा रहा. वो आईपीएल में मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर, कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR),पुणे वॉरियर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले. भारत के लिए अपने 9 सालों में उन्होंने 46 वनडे और 13 टी20 मैच ख्ोले. जिसमें उनके नाम 1183 रन है. उथप्पा ने साल 2022 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था.