भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का मानना है कि टी20 क्रिकेट बदल गया है. अब इस फॉर्मेट में एंकर (एक छोर पर टिककर बल्लेबाजी करने वाला) की कोई भूमिका नहीं रह गई है. उन्होंने कहा कि वह विचार कर रहे हैं बल्लेबाज के तौर पर वह और अधिक क्या हासिल कर सकते हैं और इस रवैये में बदलाव के कारण उन्हें असफलता का सामना भी करना पड़ रहा है. सभी फॉर्मेट में भारतीय कप्तान रोहित का कहना है कि एक बल्लेबाज के रूप में वह परिणामों के बारे में बहुत अधिक चिंता किए बिना अब चीजों को ‘अलग’ तरीके से करना चाहते हैं और पावर-हिटिंग कभी भी उनकी विशेषता नहीं रही.
रोहित ने ‘जियो सिनेमा’ से कहा, ‘जैसा कि मैं देख रहा हूं, एंकर के लिए अब कोई भूमिका नहीं है. इन दिनों टी20 क्रिकेट इसी तरह खेला जाता है, जब तक कि आप 20 रन तक तीन या चार विकेट नहीं गंवा देते लेकिन ऐसा हर दिन नहीं होने वाला. कभी कभार आपको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है और फिर किसी को पारी को संवारने और अच्छे स्कोर तक पहुंचाने की जरूरत है. एंकर के लिए अब कोई भूमिका नहीं है, खिलाड़ी अलग तरह से खेल रहे हैं.’
रोहित बोले- T20 खेलने के तरीके में बदलाव जरूरी
रोहित को लगता है कि मानसिकता में बदलाव अनिवार्य है. उन्होंने कहा, ‘अगर आप अपनी मानसिकता नहीं बदलते हैं, तो आप धराशायी हो जाओगे. दूसरी ओर लोग खेल के बारे में अलग तरह से सोच रहे हैं और इसे अगले स्तर पर ले जा रहे हैं. सभी सात बल्लेबाजों को अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है, मेरा मानना है कि यदि आप एक अच्छा स्कोर बनाते हैं तो यह अच्छा है लेकिन यहां तक कि अगर आप 10-15 या 20 गेंदों पर 30-40 का अच्छा स्कोर बनाते हैं तो यह भी उतना ही अच्छा है क्योंकि आप टीम के लिए भूमिका निभा रहे हैं. खेल बदल गया है.’
मुंबई इंडियंस और भारत के कप्तान ने कहा कि उन्होंने बल्लेबाजी के लिए एक विशेष रवैये पर टिके रहने के लिए काफी लंबा टी20 क्रिकेट खेला है. उन्होंने कहा, ‘मैं बस उस तरह से खेलना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं. मैंने लंबे समय तक और एक निश्चित तरीके से इस फॉर्मेट को खेला है लेकिन मैं अब अलग चीजें करना चाहता हूं. ऐसा करते हुए, (अगर) मैं आउट हो जाता हूं तो (यह) वास्तव में मुझे परेशान नहीं करता है.’
इस 36 साल के बल्लेबाज ने कहा कि वह पावर-हिटिंग सिर्फ इसलिए नहीं अपना सकते क्योंकि बाकी खिलाड़ी ऐसा कर रहे हैं और वह उस तरह से रन बनाना पसंद करेंगे जैसे वह कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि मैं टिम डेविड, काइरन पोलार्ड और कैमरन ग्रीन जैसे लोगों की ताकत का मुकाबला नहीं कर सकता. वे शक्तिशाली हिटर हैं, वे 100 मीटर आसानी से मार सकते हैं.’
रोहित क्यों 100 मीटर छक्का नहीं मारेंगे
रोहित भी 100 मीटर के छक्के मारने में विश्वास नहीं रखते. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मेरी सोच यह है कि अगर मुझे 65-70 मीटर के बाद एक छक्का मिल रहा है तो मुझे केवल 80 मीटर हिट करना होगा. मुझे 100 मीटर हिट करने की आवश्यकता क्यों है? मैं ऐसा तब करूंगा जब आप इसके लिए आठ रन देंगे. मैं केवल 80 मीटर मारूंगा क्योंकि मुझे इसके लिए छह रन मिल रहे हैं और इसके लिए मुझे गेंद को टाइम करने की जरूरत है. मुझे गेंद पर पूरी ताकत से प्रहार करने की जरूरत नहीं है जैसे कि दूसरे लोग करते हैं - यह उनकी ताकत है. मेरी ताकत बल्ले के बीच में गेंद को मारना है जिसे हम स्वीट स्पॉट कहते हैं.’
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