वेस्ट इंडीज दौरे के लिए भारतीय टेस्ट और वनडे टीम (Indian Cricket Team) का ऐलान पिछले दिनों हुआ. टेस्ट टीम से चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) बाहर हो गए. खराब प्रदर्शन के चलते चेतेश्वर पुजारा की टीम इंडिया से रवानगी हुई. मगर वे इकलौते भारतीय बल्लेबाज नहीं है जिनका प्रदर्शन खराब रहा है और जो रन जुटाने में नाकाम रहे हैं. विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे का भी हाल ऐसा है. जनवरी 2020 के बाद से भारतीय टॉप ऑर्डर के रन सूख गए हैं. कोहली, रहाणे, पुजारा की औसत 30 से नीचे की है और तीनों मिलकर केवल तीन शतक इस दौरान लगा पाए हैं. दुनिया के बाकी धाकड़ बल्लेबाजों से तुलना की जाए तो भारतीय बैटिंग कहीं नहीं ठहरती.
स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन और जो रूट जैसे बल्लेबाजों ने इस अवधि में रनों का अंबार लगा दिया. इन तीनों ने मिलकर पिछले ढाई साल में 25 शतक लगाए हैं. इससे उलट भारत के सीनियर चार बल्लेबाज जिनमें रोहित शर्मा भी शामिल हैं वे छह बार सैकड़ा जमा पाए हैं. विलियमसन और रूट की औसत इस दौरान 50 से ऊपर रही तो स्मिथ की इसके आसपास रही है. अब आगे विस्तार से देखिए भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन कैसा रहा है.
जनवरी 2020 से 7 जून 2023 (डब्ल्यूटीसी फाइनल 2023 शुरू होने की तारीख) तक भारत के टॉप-4 बल्लेबाजों के आंकड़े
रोहित शर्मा
टीम इंडिया के वर्तमान कप्तान ने इस अवधि में 18 टेस्ट खेले. 43.20 की औसत से 1296 रन बनाए. उन्होंने इस अवधि में तीन शतक और चार अर्धशतक लगाए. वे जब भी बैटिंग के लिए उतरे तो रन बनाकर आए यानी खाता खोले बिना आउट नहीं हुए. इस अवधि में हालांकि उन्होंने कुछ अहम विदेशी टेस्ट गंवाए भी. यानी चोट या बीमारी के चलते नहीं खेल पाए. इनमें 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले दो टेस्ट, 2021-22 का साउथ अफ्रीका दौरा, 2022 का इंग्लैंड में इकलौता टेस्ट शामिल है. 2020 से जून 2023 तक वे भारत के टॉप ऑर्डर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे.
विराट कोहली
इस अवधि में इस दिग्गज बल्लेबाज ने 25 टेस्ट खेले. मगर वे 29.69 की औसत से 1277 रन ही जुटा सके. केवल एक शतक उनके बल्ले से निकला जो अहमदाबाद में बना था. छह बार वे 50 रन के ऊपर गए और चार बार बिना खाता खोले आउट हो गए. इस तरह के आंकड़ों के चलते उनकी टेस्ट औसत 50 के नीचे गिर गई.
अजिंक्य रहाणे
भारत के लिए नंबर पांच पर खेलने वाले रहाणे ने जनवरी 2020 से जून 2023 तक 20 टेस्ट खेले और 954 रन बनाए. उनकी औसत 26.50 की रही. एक शतक लगाया जो उन्होंने मेलबर्न में बतौर कप्तान बनाया था. केवल चार बार वे इस अवधि में 50 रन के ऊपर जा सके. चार बार उनका खाता नहीं खुल पाया. नतीजा रहा कि साउथ अफ्रीका के दौरे के बाद उनकी टीम से छुट्टी हो गई थी. डब्ल्यूटीसी फाइनल से उनकी वापसी हुई.
चेतेश्वर पुजारा
भारतीय टेस्ट टीम में राहुल द्रविड़ की जगह लेने वाले पुजारा के लिए पिछले ढाई साल अच्छे नहीं कहे जा सकते. 28 टेस्ट खेलते हुए वे 29.69 की औसत से 1455 रन जोड़ पाए. वे भारत के टॉप चार सीनियर बल्लेबाजों में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे मगर सबसे ज्यादा टेस्ट भी उन्होंने खेले. वे भी केवल एक शतक लगा पाए. हालांकि 11 बार वे 50 रनों के ऊपर गए. पांच बार पुजारा का खाता नहीं खुला. खराब प्रदर्शन के चलते 2022 में भी वे बाहर हुए थे मगर तब काउंटी चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन कर वापस आए थे.
जनवरी 2020 से 7 जून 2023 के बीच दुनिया के 3 बड़े बल्लेबाजों के आंकड़े
केन विलियमसन
न्यूजीलैंड के कप्तान ने इस अवधि में 16 टेस्ट खेले और 72.70 की शानदार औसत के साथ 1745 रन जोड़े. इस दौरान सात शतक और दो फिफ्टी उन्होंने लगाई. केवल एक बार उनका खाता नहीं खुला.
जो रूट
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने इस अवधि में 42 टेस्ट मुकाबले खेले हैं और 56.01 की औसत के साथ 3809 रन बनाए हैं. उनके नाम इस दौरान 13 शतक और इतने ही अर्धशतक रहे हैं. चार बार वे बिना खाता खोले आउट हो गए.
स्टीव स्मिथ
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने जनवरी 2020 से जून 2023 के दौरान 26 टेस्ट खेले और 805 रन जुटाए. उनकी औसत 48.78 की रही. उनके नाम पांच शतक और नौ अर्धशतक रहे. पांच बार उनका खाता नहीं खुला.
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