Sachin Tendulkar 50th Birthday: दादर से निकला लड़का जो बना क्रिकेट का भगवान, जिसने खड़े किए रिकॉर्ड्स के एवरेस्ट और कहा- सपनों का पीछा करो

Sachin Tendulkar 50th Birthday: दादर से निकला लड़का जो बना क्रिकेट का भगवान, जिसने खड़े किए रिकॉर्ड्स के एवरेस्ट और कहा- सपनों का पीछा करो

Sachin Tendulkar 50th Birthday: सचिन तेंदुलकर 50 साल के हो गए. जिस खिलाड़ी ने क्रिकेट के मैदान पर शतकों और अर्धशतकों के रिकॉर्ड बरसाए उसने उम्र का अर्धशतक भी ठोक दिया. 24 अप्रैल 1973 को मुंबई के दादर मे कवि व साहित्यकार रमेश तेंदुलकर के घर में पैदा हुए सचिन तेंदुलकर ने बल्ले से हर वो रिकॉर्ड बनाया जो बन सकता था. वे भारत में क्रिकेट को सर्वाधिक लोकप्रिय करने की बहुत बड़ी वजहों में से एक हैं. 90 के दशक में जब देश बहुत से मुश्किल समय झेल रहा था तब सचिन वो एक कड़ी थे जिसने लोगों को जोड़ रखा था. तभी तो कोई शक नहीं है कि रिटायरमेंट के 10 साल बाद भी सचिन अगर कहीं होते हैं तो लोग आज के आला क्रिकेटर्स को छोड़कर सचिन-सचिन के नारों से मैदान को आसमान पर उठा लेते हैं. विराट कोहली हो या रोहित शर्मा या एमएस धोनी, किसी से भी जब क्रिकेट में किसी एक क्रिकेटर का आदर्श मानने के बारे में पूछा जाता है तब जवाब आता है- सचिन तेंदुलकर. भारत में वे क्रिकेट के भगवान कहे जाते हैं.

 

बचपन में बदमाशी और शरारती अंदाज से ध्यान हटाने के लिए उनके भाई अजीत ने उन्हें क्रिकेट की ओर मोड़ दिया. इसके बाद तो जो हुआ वह इतिहास है. गुरु रमांकात आचरेकर के सान्निध्य में आकर यह हीरा कोहिनूर बन गया. आचरेकर को पहली नज़र में सचिन में कोई खास प्रतिभा नहीं दिखी मगर जब अजीत ने उनसे दोबारा दरख्वास्त की तब सामने आया कि सचिन सदियों में एक बार सामने आने वाली प्रतिभा है. आगे चलकर वे अपने गुरु के सबसे मशहूर और कामयाब शिष्य बने. बचपन में जब वे कोचिंग लिया करते थे तो आचरेकर सचिन को आउट करने वाले बॉलर को एक रुपये का सिक्का देते थे. अगर कोई आउट नहीं कर पाता तब वो सिक्का सचिन को मिलता. उनके पास इस तरह के 13 सिक्के हैं. सचिन कहते हैं ये उनके सबसे कीमती गिफ्ट हैं.

 

16 साल की उम्र में आगाज और दुनिया हिला दी


1989 में पाकिस्तान दौरे से उन्होंने 16 साल और 205 दिन की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा. अपनी पहली सीरीज से ही उन्होंने दिखा दिया कि आने वाले दिन, महीने, साल और दशक उनके होने वाले हैं. दौरे के चौथे टेस्ट में चेहरे पर गेंद लगने के बाद भी उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा और खेलते रहे. इसी दौरान पेशावर में एक प्रदर्शनी मुकाबले में उन्होंने 18 गेंद में 53 रन की पारी खेली. इस मुकाबले में उन्होंने अब्दुल कादिर जैसे आला दर्जे के लेग स्पिनर के एक ओवर से 27 रन लूटकर सनसनी फैला दी. वनडे में आगाज जीरो के साथ हुआ. फिर 78 वनडे खेलने के बाद जाकर उनका पहला शतक आया. इसके बाद सचिन नहीं रुके और 49 शतक ठोक गए. आज भी यह रिकॉर्ड है. इसके अलावा टेस्ट में 51 शतक उन्होंने बनाया. इसके आसपास भी कोई नहीं है.

 

रिकॉर्ड, करियर और सपने


24 साल के करियर में 200 टेस्ट में 15921 रन, 51 शतक, 68 अर्धशतक, 463 वनडे में 18426 रन, 49 शतक, 96 अर्धशतक बनाने के बाद उन्होंने बल्ला टांगा. अभी तक इन दोनों फॉर्मेट में उनके मैचों, रनों और शतकों के पास कोई नहीं है. इस दौरान दुनिया ने एक से बढ़कर सूरमा खिलाड़ी देखे हैं मगर सचिन के रिकॉर्ड्स पर कोई असर नहीं पड़ा. करियर की संध्या में उन्होंने वह कमाल भी कर लिया जिसका सपना वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू के साथ देख रहे थे. यह सपना था वर्ल्ड कप जीतने का. टीम इंडिया ने 2011 का वर्ल्ड कप जीतकर उन्हें एक शानदार तोहफा दिया. बाद में सचिन ने कहा था, 'सपनों का पीछा करना मत छोड़ो, वे सच होते हैं. मैंने अपने सपने को पूरा करने के लिए 23 साल तक इंतजार किया है.'
 

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