आईपीएल का 17वां सीजन रोमांचक दौर पर पहुंच गया है. 10 टीमों के बीच पॉइंट टेबल में ऊपर आने के लिए कांटे की टक्कर चल रही है. पूरी दुनिया की नजर इस लीग पर है. न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका समेत कई देशों के खिलाड़ी इस लीग में खेल रहे हैं. हर खिलाड़ी की नजर आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके टी20 वर्ल्ड कप के लिए अपने देश की टीम में एंट्री करने पर भी है. ज्यादातर देश के बोर्ड टी20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए आईपीएल में अपने खिलाड़ी के प्रदर्शन पर नजर लगाए हुए हैं.
आज आईपीएल ने कई प्लेयर्स के लिए रास्ता खोल दिया है. आज हर खिलाड़ी इस लीग में खेलना चाहता है, मगर एक समय ऐसा भी था, जब हर खिलाड़ी बागी लीग इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में खेलने के सपने देखने लग गया था. जिसे बीसीसीआई का भी सपोर्ट नहीं था, मगर वो लीग ज्यादा समय तक प्लेयर्स के दिल में जगह नहीं बना पाई और दो सीजन बाद ही लीग बंद हो गई. आईसीएल को जहां बीसीसीआई तक ने सपोर्ट नहीं किया था, वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने खुलकर उसका सपोर्ट किया था. क्रिकेट प्रेमी लालू यादव बनाम बीसीसीआई उस कहानी के बारे में शायद ही जानते हो.
रेलवे के खोल दिए स्टेडियम
बात 2007 की है. ये वो समय था, जब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) शुरू करने पर काम तेजी से चल रहा था और उसी दौरान इंडियन क्रिकेट लीग यानी आईसीएल शुरू हो गई. बीसीसीआई आईसीएल के सख्त खिलाफ थी. उसने प्लेयर्स को उसमें ना खेलने की हिदायत दे डाली थी. ऐसे में इस बात का डर था कि बड़े क्रिकेट स्टेडियम जैसे बुनियादी ढांचों की कमी के चलते कही लीग फ्लॉप ना हो जाए. उसी वक्त लीग को कुछ सपोर्ट मिला. कुछ गर्वमेंट बॉडी मदद के लिए आगे आई. तत्कालीन भारतीय रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपना पूरा सपोर्ट दिया और भारतीय रेलवे के नियंत्रण वाले सभी क्रिकेट स्टेडियम इस लीग के लिए खोल दिए. उन्होंने आईसीएल को अच्छी पहल बताया था.
ICL और BCCI के बीच बवाल
बीसीसीआई ने आईसीएल का काफी विरोध किया था. आईसीसी भी लीग के खिलाफ थी. बीसीसीआई ने आईसीएल को मान्यता नहीं दी और 2008 में अपनी लीग आईपीएल को लॉन्च कर दिया. आईसीएल के मुकाबले आईपीएल ज्यादा पॉपुलर और सफल हुई. आईपीएल इतनी सफल हुई कि आज उसका 17वां सीजन खेलना जा रहा है और दुनिया के तमाम बड़े क्रिकेटर्स इस लीग का हिस्सा है. बीसीसीआई ने आईसीएल खेलने वाले प्लेयर्स को भी बैन कर दिया था. जो आईसीएल के लिए सबसे बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि उस लीग में कई पूर्व और मौजूदा स्टार खिलाड़ी भी खेल रहे थे.
ये भी पढ़ें:
IPL Backstage : आईपीएल अध्यक्ष को क्यों नहीं पता थे दो टीम के मालिकों के नाम?