भारतीय क्रिकेट में कप्तानों पर एक बहस सामने आई है। इस चर्चा में कपिल देव और सुनील गावस्कर को भारत के महान कप्तान की दौड़ से बाहर बताया गया है। वक्ता के अनुसार, जिस दौर में उन्होंने क्रिकेट खेली और टीम बनाई, वह अलग था। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने घर से बाहर केवल एक टेस्ट मैच जीता था, वह भी 1993 में श्रीलंका में। रोहित शर्मा के पास दो आईसीसी टूर्नामेंट्स हैं, जबकि महेंद्र सिंह धोनी के पास तीन आईसीसी ट्रॉफी हैं। विराट कोहली को एक सफल टेस्ट कप्तान बताया गया है, लेकिन उनके पास कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं है। सौरव गांगुली को एक महत्वपूर्ण कप्तान माना गया है, जिन्होंने मैच फिक्सिंग के साये में टीम बनाई और युवराज सिंह, जहीर खान जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया। इसके विपरीत, राहुल द्रविड़ को बनी बनाई टीम मिली थी, जिसने प्रगति नहीं की। वक्ता ने कहा, 'कपिल पाजी और सनी भाई शायद वो इंडिया के ग्रेटेस्ट कैप्टन की दौड़ से बाहर हो गए।' यह बहस भारतीय क्रिकेट के कप्तानी इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है।
साल 2000 के बाद ही बनी इंडिया की इंटरनेशनल क्रिकेट में औकात, सौरव गांगुली ने की थी शुरुआत - Vikrant Gupta
भारतीय क्रिकेट में कप्तानों पर एक बहस सामने आई है। इस चर्चा में कपिल देव और सुनील गावस्कर को भारत के महान कप्तान की दौड़ से बाहर बताया गया है। वक्ता के अनुसार, जिस दौर में उन्होंने क्रिकेट खेली और टीम बनाई, वह अलग था। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने घर से बाहर केवल एक टेस्ट मैच जीता था, वह भी 1993 में श्रीलंका में। रोहित शर्मा के पास दो आईसीसी टूर्नामेंट्स हैं, जबकि महेंद्र सिंह धोनी के पास तीन आईसीसी ट्रॉफी हैं। विराट कोहली को एक सफल टेस्ट कप्तान बताया गया है, लेकिन उनके पास कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं है। सौरव गांगुली को एक महत्वपूर्ण कप्तान माना गया है, जिन्होंने मैच फिक्सिंग के साये में टीम बनाई और युवराज सिंह, जहीर खान जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया। इसके विपरीत, राहुल द्रविड़ को बनी बनाई टीम मिली थी, जिसने प्रगति नहीं की। वक्ता ने कहा, 'कपिल पाजी और सनी भाई शायद वो इंडिया के ग्रेटेस्ट कैप्टन की दौड़ से बाहर हो गए।' यह बहस भारतीय क्रिकेट के कप्तानी इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालती है।

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