साउथ अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर एबी डिविलियर्स को उनके शानदार करियर के लिए आईसीसी ने उन्हें हॉल ऑफ फेम में जगह दी है. इसके अलावा इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलेस्टर कुक और भारतीय क्रिकेट लेजेंड नीतू डेविड को भी शामिल किया गया है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली को जैसे ही पता चला कि उनके सबसे करीबी दोस्त डिविलियर्स को हॉल ऑफ फेम में जगह मिली है तो कोहली ने अपने दोस्त के लिए एक पत्र लिखा.
कोहली ने लिखा, इस चीज के लिए चुना जाना सम्मान की बात है. मैं आईसीसी हॉल ऑफ फेम को लेकर आपके लिए कुछ शब्द कहना चाहता हूं. आप अपनी जगह के पूरी तरह हकदार हैं. आखिरकार, हॉल ऑफ फेम खेल पर आपके प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है और ये दिखाता है कि आप कितने अलग हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोग हमेशा आपकी क्षमता के बारे में बात करते रहे हैं और यह सही भी है. आप सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं जिनके साथ मैंने खेला, आप निश्चित रूप से नंबर एक हैं.’’
कोहली ने कहा कि डिविलियर्स ऐसे खिलाड़ी हैं जो अक्सर अपनी टीम को मुश्किलों से उबारते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह कभी किसी और के बारे में नहीं था. यह कभी किसी दूसरे खिलाड़ी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बारे में नहीं था.’’
विराट ने याद कराई डिविलियर्स की पारी
कोहली ने यहां कहा कि हम 184 रन का पीछा कर रहे थे और सुनील नरेन, मोर्ने मोर्कल, आंद्रे रसेल और शाकिब अल हसन जैसे गेंदबाज हमारी विरोधी टीम में थे. ऐसे में 70 रन के करीब आप आएं और नरेन गेंदबाजी कर रहे थे. आपने कुछ गेंदें मिस कीं. इसके बाद मैंने आपसे कहा कि मैं स्ट्राइक पर आकर कुछ बाउंड्री मारूंगा. नरेन टाइमआउट के बाद आए और मैं आपसे सिंगल लेने के इंतजार में था. लेकिन आपने लेग साइड पर 94 मीटर का छक्का लगा दिया. उस समय पता नहीं क्या हुआ लेकिन आपको विश्वास था और फिर मैंने आपसे कहा था तुम पागल हो.
कोहली ने 2015 में नई दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच की यादें भी ताजा कीं जिसमें दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने मैच ड्रॉ कराने के लिए कड़ी मेहनत की थी. कोहली ने कहा, ‘‘हर कोई आपके आक्रामक शॉट को याद करता है लेकिन आप परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं. 2015 में दिल्ली में खेले गए टेस्ट मैच को ही लें जब आपने 297 गेंदों का सामना किया और टेस्ट मैच बचाने की कोशिश में 43 रन बनाए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी समय आपके मन में यह विचार आया होगा कि मैंने 200 गेंदों का सामना किया है तो मुझे बाउंड्री लगानी चाहिए. लेकिन एक बार जब आपने खुद को उस स्थिति में डाल लिया जिसकी जरूरत थी तो आप बस आगे बढ़ते रहे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सब आपकी क्षमता पर विश्वास पर निर्भर करता है. यह सिर्फ अंधाधुंध शॉट के बारे में नहीं था. आपके पास गेंद को बचाने की क्षमता थी और उस डिफेंस पर आपको भरोसा था. दक्षिण अफ्रीका की जरूरत के अनुसार इस तरह खेलना, आपके टीम खिलाड़ी होने का एक बेहतरीन उदाहरण है.’’
बहुत से खिलाड़ियों के पास प्रभावशाली आंकड़े हो सकते हैं, लेकिन बहुत कम ऐसे होते हैं जो दर्शकों की मानसिकता पर प्रभाव डाल पाते हैं. मेरे लिए, एक क्रिकेटर के तौर पर यही सबसे बड़ा मूल्य है और यही आपको इतना खास बनाता है.
आप खेल पर अपने प्रभाव के लिए हॉल ऑफ फेम में हैं और मुझे नहीं लगता कि एक क्रिकेटर के लिए इस सम्मान से बढ़कर कुछ और खास हो सकता है.
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