भारत की पैदल चाल एथलीट भावना जाट को तगड़ा झटका लगा और ओलिंपियन खिलाड़ी पर नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने 16 महीने का बैन लगा दिया है. इसके पीछे का कारण भावना द्वारा खुद का पता ठिकाना (व्हेयरअबाउट) नहीं बताना रहा. जिससे भावना का ये बैन अब इस साल 10 दिसंबर तक बना रहेगा.
भावना पर 2023 से लगा बैन
दरअसल, भारत की 20 किलोमीटर पैदल चाल एथलीट भावना जाट को नाडा के अनुच्छेद 2.4 के अंतर्गत एडीडीपी का फैसला 10 जुलाई को सुनाया गया था. लेकिन नाडा की वेबसाईट पर ये फैसला 22 अगस्त को सबके सामने आया. भावना का ये बैन 10 अगस्त 2023 से शुरू हुआ था और इस साल 10 दिसंबर तक समाप्त हो जाएगा.
भावना की क्या रही गलती ?
भारत के टॉप एथलीटों को नाडा द्वारा हर साल रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (RTP) में चुना जाता है. जिसकी हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है. इसमें सभी एथलीटों को आरटीपी में शामिल होने के लिए तिमाही आधार पर अपने बारे में जानकारी और पता बताना होता है. जिसमें आवास, ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं से संबंधित जानकारियां शामिल होती है. भावना इसी नियम का पालन नहीं कर सकी और उन पर 16 महीने के बैन लगा है.
भावना ने सफाई में क्या कहा ?
भावना ने पीटीआई से अपनी सफाई में बताया कि उनके मोबाइल फोन में गड़बड़ी आ गई थी. जबकि इसके बाद फोन खो गया था. इसलिए वह ऑनलाइन फॉर्म नहीं भर सकी और जानकारी देने में विफल रहीं. भावना ने ये भी माना कि उन्होंने ये सब जानबूझकर नहीं किया है. लेकिन जानकारी के मुताबिक़ भावना 2022 की अंतिम तिमाही में जानकारी फाइल नहीं कर सकी. जबकि इसके बाद साल 2023 के मई और जून माह में होने वाले डोपिंग टेस्ट के लिए भी नहीं आ सकी थी.
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