Paris Olympics 2024 में हार के बाद छलका अर्जुन बाबूता का दर्द, जीत की जिद बरकरार, बोले- 'इस एक दिन से सबकुछ नहीं तय होता'

Paris Olympics 2024 में हार के बाद छलका अर्जुन बाबूता का दर्द, जीत की जिद बरकरार, बोले- 'इस एक दिन से सबकुछ नहीं तय होता'
अर्जुन बाबूता भारतीय शूटर

Story Highlights:

पेरिस ओलिंपिक 2024 में टूटा अर्जुन बाबूता का मेडल जीतने का सपना

अर्जुन बाबूता 10 मीटर एयर राइफल में चौथे स्‍थान पर रहे

पेरिस ओलिंपिक 2024 में अर्जुन बाबूता का मेडल जीतने का सपना टूट गया. अर्जुन बाबूता 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में बहुच कम अंतर से मेडल जीतने से चूक गए. वह फाइनल में मेडल की रेस में बने हुए थे. एक वक्त पर अर्जुन का सिल्‍वर मेडल पक्का लग रहा था. मगर दो खराब शॉट ने सारा काम बिगाड़ दिया. इसके बाद वह मेडल की रेस से ही बाहर हो गए. अर्जुन बाबूता 208.4 पॉइंट के साथ चौथे स्‍थान पर रहे. 9.5 के उनके सबसे आखिरी शॉट ने मेडल की उम्‍मीदों को खत्म कर दिया था. जिसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने अपने मन की बात रखी. अर्जुन ने कहा कि इस एक दिन से सबकुछ तय नहीं हो जाता.

हार के बाद छलका दर्द

 

पेरिस ओलिंपिक 2024 में अर्जुन बाबूता मेडल के बेहद करीब पहुंच कर चूक गए. 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में वह 208.4 पॉइंट के साथ चौथे स्‍थान पर रहे. जिसके बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उनका दर्द सामने आ गया. अर्जुन ने इवेंट के बारे कहा कि, 

यह बहुत निराशाजनक था. लेकिन मैं कहूंगा कि शायद ऐसा ही होना था. आज मेरा दिन नहीं था.

मुझे लगता है कि यह दोनों काम एक साथ हो सकते हैं. साई (SAI) जिस तरह से काम कर रहा वह काफी अच्छा है. सारी डिमांड पर ध्यान दिया जा रहा है. वह हम पर काफी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हमें जो चाहिए वो मिल रहा है.

 

अर्जुन बाबूता ने इस दौरान शूटिंग में भारत के भविष्य को लेकर भी अपनी बात रखी. उनका मानना है कि शूटिंग में भारत का भविष्य अच्छा है. उन्होंने कहा,

 

भारत में हमारे पास काफी अच्छे शूटर हैं. उनमे से कुछ यहां पर नहीं हैं. हमारे पास सही जानकारी और मोटिवेशन है. हम इससे और अच्छा कर सकते हैं. भारत का भविष्य अच्छा है.

 

अंत में उन्होंने बताया कि इस एक इवेंट और दिन से उनका सबकुछ तय नहीं होने वाला,

 

यह एक दिन मेरे बारे में और मेरे शूटिंग के बारे में सबकुछ तय नहीं हो सकता. थोड़ा आराम और फिर से वापसी करूंगा. आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लो आप सौ प्रतिशत देकर भी यह नहीं कह सकते कि आप जीतने वाले हो.

 

बता दें कि इस इवेंट में 252.2 अंक के ओलिंपिक रिकॉर्ड के साथ चीन के शेंग लियाहो ने गोल्ड, 251.4 अंक के साथ स्‍वीडन के विक्टर लिंडग्रेन ने सिल्‍वर और  230 अंक के साथ क्रोएशिया के मिरान ने ब्रॉन्‍ज मेडल जीता. 
 

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