Asian Games 2023: घुड़सवारी में भारत ने रचा इतिहास, 41 साल बाद इक्वेस्ट्रियन टीम ने जीता गोल्ड

Asian Games 2023: घुड़सवारी में भारत ने रचा इतिहास, 41 साल बाद इक्वेस्ट्रियन टीम ने जीता गोल्ड

Highlights:

भारत ने घुड़सवारी में गोल्ड मेडल जीता है41 साल बाद भारत ने इस खेल में गोल्ड जीता हैभारतीय टीम में 4 खिलाड़ी शामिल थे

एशियन गेम्स 2023 में भारतीय दल अपने अपने इवेंट में नया इतिहास बना रहा है. घुड़सवारी में 41 साल बाद भारत ने गोल्ड मेडल जीतकर नया कारनामा कर दिया है. भारत की इक्वेस्ट्रियन टीम ने ये कमाल किया. इस टीम में सुदीप्ति हजेला, दिव्याकृति सिंह, हृदय छेदा और अनुष अग्रवाल शामिल थे. इसी के साथ भारत ने 14वें मेडल पर कब्जा कर लिया है. 1982 एशियन गेम्स के बाद भारत ने पहली बार इस खेल में गोल्ड मेडल जीता है. 

 

 

 

पोडियम

 

भारत- 209.205 पाइंट्स
चीन- 204.882 पाइंट्स
हांगकांग, चीन- 204.852 पाइंट्स

 

भारत की सीधी टक्कर चीन के साथ थी. वैसे भारतीय टीम आगे थी लेकिन बस चीन के नतीजे का इंतजार था. चीन का जैसे ही नतीजा आया, भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया. इस खेल में कतर की टीम आखिरी पायदान पर है और फिलहाल सभी की नजरें कतर के रिजल्ट पर है.

 

बता दें कि भारतीय टीम के लिए ये मेडल आसान नहीं था क्योंकि टीम को काफी बड़ी टीमों से टक्कर लेनी पड़ी. इसमें चीन, साउथ कोरिया, जापान और थाईलैंड के राइडर्स शामिल थे जो पहले भी टाइटल्स जीत चुके हैं. साल 2018 एशियन गेम्स में भारतीय टीम को सिल्वर मेडल मिला था. 

 

घुड़सवारी में भारत का इतिहास

 

इक्वेस्ट्रियन में जापान की टीम का हमेशा से ही बोलबाला रहा है. इस टीम ने एशियाई खेलों में अब तक 43 मेडल्स जीते हैं जिसमें 18 गोल्ड हैं. वहीं रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने 15 गोल्ड मेडल जीते हैं. जबकि इस गोल्ड को मिलाकर अब भारत के घुड़सवारी में चार गोल्ड, तीन सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल हो चुके हैं. भारत ने दिल्ली में हुए 1982 एशियाई खेलों में ही घुड़सवारी में तीन गोल्ड जीते थे.  

 

इक्वेस्ट्रियन ड्रेसेज का फॉर्मेट

 

इक्वेस्ट्रियन राइडिंग में तीन पड़ाव होते हैं. इसमें ड्रेसेज, शो जम्पिंग और इवेंटिंग शामिल है. ड्रेसेज एक तरह से फिगर स्केटिंग होता है. घुड़सवार और उसके घोड़े को अलग अलग करतब दिखाने पड़ते हैं. बैकग्राउंड में म्यूजिक बज रहा होता है और घोड़ा उसकी धुन पर कभी कूदता है, कभी धीमे चलता है और कभी तेज. ये सबकुछ 20*60 मीटर के पैच पर होता है.

 

वहीं शो जम्पिंग में घोड़े और घुड़सवार को कई तरह की बाधाओं से होकर गुजरना होता है. यानी की कई तरह की अलग अलग फेंसिंग होती है जिसपर से घोड़े को कूदकर जाना होता है. उदाहरण के तौर पर हम अलग अलग खेल यानी की पोल वॉल्ट, हाई जंप, हर्डल्स और स्टीपचेज में जिस तरह कूदते हैं, वैसे ही इस खेल में घोड़ा कूदता है.

 

इवेंटिंग को हम इक्वेस्ट्रियन ट्रायथलन भी कहते हैं. इसमें घोड़े को टेस्ट किया जाता है और तीन फॉर्मेट में राइडर्स के टैलेंट को चेक किया जाता है. ड्रेसेज, क्रॉस कंट्री और शो जम्पिंग इसमें शामिल है. 
 


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