भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने 37 साल बाद एशियन गेम्स (Asian Games 2023) के सेमीफाइनल और पहली बार फाइनल में जगह बनाने के साथ पदक पक्का किया था. इसके बाद से ही सभी भारतीय फैंस को बैडमिंटन टीम से गोल्ड मेडल की आस थी. लेकिन भारत के गोल्ड मेडल की रीह में चीन की दीवार अडंगा बन गई और भारत को फाइनल मुकाबले में पहले दो मैच जीतने के बावजूद 2-3 से हार का सामना करना पड़ा. भारत के लिए लक्ष्य सेन और सात्विकसाईंराज रेंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पहले दो मुकाबले जीतकर 2-0 की बढ़त दिला डाली थी. लेकिन किदांबी श्रीकांत की हार के बाद भारत वापसी नहीं कर सका और चीन ने अंतिम तीनो मैच जीतकर भारत को सिल्वर से संतोष करने पर मजबूर कर डाला. हालांकि भारत ने एशियन गेम्स में बैडमिंटन की टीम स्पर्धा में पहला सिल्वर मेडल जीतकर जरूर इतिहास रच डाला है.
लक्ष्य सेन ने जीत से किया गाज
चीन के खिलाफ एशियन गेम्स के गोल्ड मेडल मैच से पहले भारत को बड़ा झटका भी लगा और प्रणय चोटिल होने के चलते फाइनल से बाहर हो गए थे. इसके बावजूद भारत के लक्ष्य सेन ने दमदार आगाज किया और पहले ही मैच में एशियन गेम्स के डिफेंडिंग चैंपियन शी यूकी को तीन गेम में हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला डाली. सेन और शी के बीच पहले गेम का स्कोर एक समय 20-20 से बराबरी पर आ गया था. इसके बाद सेन ने अंतिम समय में दमदार खेल से 22-20 से पहले गेम अपने नाम कर डाला. जबकि दूसरे गेम में शी ने वापसी करते हुए 21-14 से जीत दर्ज कर डाली. मगर सेन ने तीसरे गेम में फिर से दमदार शॉट्स और आकर्षक स्मैश का नजारा पेश करते हुए शी को 21-18 से हराया. जिससे लक्ष्य सेन ने पहले मैच को 22-20, 14-21 और 21-18 से अपने नाम करके भारत को 1-0 से बढ़त दिला डाली.
रेड्डी-शेट्टी का धमाका
चीन के सामने दूसरे मुकाबले में सात्विकसाईंराज रेंकिरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने भी धमाल मचाया. इन दोनों ने चीन के वर्ल्ड नंबर-2 योंग डुओ लियांग - वैंग चांग की जोड़ी को सीधे सेटों में धो डाला. रेड्डी और शेट्टी की जोड़ी ने पहला गेम 21-15 और दूसरा गेम 21-18 से जीतते हुए भारत को गोल्ड मेडल से एक जीत की दहलीज पर ला खड़ा कर दिया. इस तरह भारत ने पहले दो मुकाबले में 2-0 की बढ़त बना डाली थी.
सीधे गेम में हारे श्रीकांत
भारत को गोल्ड मेडल के लिए एक और जीत चाहिए थी. तभी तीसरे मैच में किदांबी श्रीकांत चीन के शीफेंग ली के सागे सीधे दो गेम में हार गए. शीफेंग ली ने श्रीकांत को 24-22 और 21-9 से बुरी तरह हराकर भारत की गोल्ड मेडल जीत के इंतजार को और बढ़ा दिया. इस जीत के बावजूद चीन 1-2 से पीछे था.
साई प्रतीक और ध्रुव कपिला
भारत के लिए चौथे मैच में जीत की आस लेकर कोर्ट में उतरे ध्रुव कपिला और साई प्रतीक की जोड़ी चीन के आगे टिक नहीं सकी. चीन के लियु युचेन और ओउ शुआन्यी ने मिलकर ध्रुव और साई की जोड़ी को सीधे गेम में बुरी तरह 21-6 और 21-15 से बुरी तरह धो डाला. जिससे चीन ने दो गेम से पिछड़ने के बाद मैच को 2-2 से बराबरी पर ला दिया. जिससे ये मैच अब अंतिम सिंगल मुकाबले के रिजल्ट की तरफ बढ़ गया.
अंतिम मुकाबले में मंजुनाथ भी हारे
भारत के लिए अंतिम मुकाबले में गोल्ड जीतने की आस मंजूनाथ मिथुन के कंधो पर ही आ टिकी थी. लेकिन चीन के खिलाड़ी वांग होग्यांग के आगे मंजुनाथ मिथुन टिक नहीं सके और बुरी तरह हार गए. मिथुन को वांग ने 12-21 और 4-21 से बुरी तरह हराकर चीन को 3-2 से गोल्ड मेडल जिता डाला. इस हार के साथ ही हालांकि भारत ने एशियन गेम्स के इतिहास में पहली बार बैडमिंटन पुरुष टीम का सिल्वर मेडल हासिल किया.
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