20 से ज्यादा जख्म और 26 टांकों का दर्द झेल चुकी आरती कस्तूरी ने एशियन गेम्स में उस खेल में भारत को मेडल दिलाया, जिसमें शायद ही किसी को उम्मीद थी. रोलर स्केटिंग में विंमस स्पीड स्केटिंग 3 हजार मीटर रिले में हीराल, कर्तिका और संजना के साथ मिलकर आरती भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में सफल रही.
उनके लिए ये सब कुछ सपना सच होने जैसा है. दरअसल कुछ महीने पहले प्रैक्टिस के दौरान आरती गिर गई थी, जिस वजह से 20 से अधिक जगह उन्हें चोट लगी. चोट जख्म बन गया. उन्हें 26 टांके लगे. उस चोट ने आरती को तोड़ कर रख दिया था. वो काफी मायूस थी, मगर उनकी डॉक्टर मां ने उनकी हिम्मत टूटने नहीं दी. मां की मेहनत की वजह से ही आरती एशियाड में भारत को ऐतिहासिक मेडल दिलाने में सफल रही.
4 महीने पहले लगी चोट
एमबीबीएस कर चुकी आरती ने अब अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है और अब वो अपने अस्पताल को चलाने में मां का साथ देगी. आरती एशियाई खेलों के शुरू होने से ठीक 4 महीने पहले अभ्यास के दौरान चोटिल हो गई थी. अपनी मां की मदद से वो समय पर इस चोट से उबरने में सफल रहीं.
सिर पर भी लगी चोट
जीत के बाद उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मई में उन्हें चोट लग गई थी और उन्हें 26 टांके लगे थे. माथे पर भी गहरे घाव बन गए थे. इसके बावजूद उन्होंने अभ्यास किया और इस बीच रिहैबिलिटेशन से भी गुजरती रही. आरती 7 साल की उम्र में इस खेल से जुड़ी थीं. उनके माता-पिता चाहते थे कि वो कोई खेल से जुड़े.