एशियन गेम्स से पहले भारतीय शूटिंग में भारी उठापटक, 1 महीने में 3 कोच ने दिया इस्तीफा, हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर से अनबन बड़ी वजह

एशियन गेम्स से पहले भारतीय शूटिंग में भारी उठापटक, 1 महीने में 3 कोच ने दिया इस्तीफा, हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर से अनबन बड़ी वजह

एशियन गेम्स 2023 से पहले भारतीय शूटिंग (Indian Shooting)  में बवाल मचा हुआ है. एक के बाद एक कोच छोड़कर जा रहे हैं. इससे शूटिंग में भारत की संभावनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. टोक्यो ओलिंपिक्स के बाद से इस खेल में भारतीय खिलाड़ी संघर्ष कर रहे हैं. अब लगातार कोचेज के इस्तीफे से एशियन गेम्स की पदक की उम्मीदें ढह सकती हैं. जॉयदीप कर्माकर (Joydeep Karmakar) इस्तीफा देने वाले कोचेज की लिस्ट में ताजा नाम हैं. वे 50 मीटर राइफल मुख्य कोच थे. उनका कहना है कि माहौल काफी खराब है जिसकी वजह से उन्होंने यह फैसला किया है. उनसे पहले ट्रैप कोच रसेल मार्क और स्कीट कोच लॉरीन मार्क भी छोड़कर चले गए थे. रसेल और लॉरीन दोनों पति-पत्नी हैं. ऐसे में जान लेते हैं भारतीय शूटिंग में क्या हो रहा है.

 

ताजा मामला क्या है
50 मीटर राइफल के मुख्य कोच जॉयदीप कर्माकर ने इस्तीफा दिया. उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं होने और टॉक्सिक कल्चर के चलते पद छोड़ा है. बताया जाता है कि शूटिंग के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर डॉक्टर पीयरे बूशॉं के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी. कर्माकर ने दी ट्रिब्यून से बातचीत में कहा कि उन्होंने 10 जून को इस्तीफा भेज दिया. उन्हें कॉन्ट्रेक्ट आगे बढ़ने की खबर नहीं मिली थी और टीम का माहौल भी टॉक्सिक था जिससे वह दूरी जाना चाहते थे. जिस तरह से पीठ पीछे बातें हो रही थीं उससे वह सहज नहीं थे. बताया जाता है कि पिछले साल काहिरा वर्ल्ड कप के दौरान बूशॉं ने कर्माकर के साथ धक्कामुक्की की थी.

 

कर्माकर तीसरे कोच हैं जिन्होंने पिछले एक महीने में इस्तीफा दिया है. उनसे पहले मई में रसेल और मार्क ने इस्तीफा दिया था. ये दोनों भी कथित तौर पर बूशॉं की कार्यशैली से नाराज थे. इनका भी कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं हुआ था.

 

किन इवेंट के कोचेज दे चुके हैं इस्तीफा


50 मीटर राइफल- इस इवेंट में तीन पॉजीशन- लेटकर, घुटनों के बल और खड़े होकर शूटिंग की जाती है. अभी भारतीयों में ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर इस स्पर्धा के बड़े नाम हैं. उन्होंने 2021 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप और फिर वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल जीता था. कर्माकर इस स्पर्धा के कोच थे. वे 2012 ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक नहीं जीत पाए थे.

 

स्कीट शूटिंग- इस स्पर्धा में दो छोर से मिट्टी के बने निशाने छोड़े जाते हैं जिन्हें शूटर आठ अलग-अलग जगहों पर खड़े होकर निशाने पर लेते हैं. इसमें निशान दाएं से बाएं और बाएं से दाएं जाते हैं. मेराज अहमद खान इस स्पर्धा के बड़े भारतीय नाम हैं. उन्होंने वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल भी जीत रखा है. भारतीय शूटिंग एसोसिएशन ने ऑस्ट्रेलियन शूटर लॉरिन मार्क को इस स्पर्धा के लिए मार्च 2022 में कोच बनाया था. उनके रहते भारत ने पिछले दो वर्ल्ड कप में तीन मेडल जीते थे. इनमें गनीमत सेखों और दर्शना राठौड़ ने मई 2023 में शॉटगन वर्ल्ड कप में सिल्वर और ब्रॉन्ज तो अप्रैल में मेराज व गनीमत ने काहिरा वर्ल्ड कप में मिक्स्ड टीम गोल्ड जीता था. लॉरीन ट्रैप इवेंट की हाई परफॉर्मेंस मैनेजर थीं मगर बाद में उन्हें मुख्य कोच की भूमिका निभाने को भी कहा गया.

 

ट्रैप कोच- इस स्पर्धा में मिट्टी के बने निशाने छोड़े जाते हैं जो निशानेबाज के सामने की तरफ जाते हैं. भारत को शूटिंग में पहला मेडल इसी स्पर्धा में मिला था. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 एथेंस ओलिंपिक में यह मेडल हासिल किया था. उनके अलावा मनशेर सिंह और मानवजीत सिंह इस खेल के बड़े भारतीय नाम रहे हैं. रसेल मार्क मई 2022 में भारत के ट्रैप कोच बने थे. उन्होंने 2004 ओलिंपिक में राठौड़ के पर्सनल कोच की भूमिका निभाई थी. मार्क ने खुद ओलिंपिक में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत रखा है. मार्क ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि बूशॉं बेवजह का डेटा कलेक्शन प्रोग्राम चला रहे हैं.

 

कौन हैं पियरे बूशॉं जिनके चलते हो रहे विवाद

 

वे स्पोर्ट्स साइंस से जुड़े रहे हैं. उनका जोर डेटा पर रहता है. यूनिवर्सिटी लेवल पर बूशॉं हॉकी प्लेयर रहे हैं. करीब 30 साल से वे हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स में भूमिका निभा रहे हैं. 2012 से 2019 के बीच वे भारतीय खेल मंत्रालय के साथ मेंटल टफनेस के मसले पर काम कर चुके हैं. इसके अलावा रूस के खेल मंत्रालय के साथ भी रहे हैं. वे अपने कड़े मिजाज के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने कुछ समय पहले निशानेबाजों को मीडिया से बात करने से रोक दिया था. उनका कहना था कि किसी भी इवेंट के दौरान कोई खिलाड़ी मीडिया से बात नहीं करेगा.

 

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