भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की नई बॉडी को बीते दिनों खेल मंत्रालय ने सस्पेंड कर दिया था. उससे पहले वर्ल्ड रेसलिंग ने भी समय पर चुनाव ना होने पर भारतीय कुश्ती को सस्पेंड कर दिया था. चुनाव होने के बाद खेल मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया. जिसकी वजह नए अध्यक्ष संजय सिंह (sanjay singh) के जल्दबाजी में लिए फैसले थे. उन्होंने बिना मीटिंग के ही नेशनल चैंपियनशिप गोंडा में आयोजित करने का ऐलान कर दिया था. अब भारतीय कुश्ती संघ ने मंगलवार को फैसला लिया है कि वो निलंबन हटाने को लेकर खेल मंत्रालय से पहले बात करेगी. वो सरकार से कोई मतभेद नहीं चाहती. बातचीत का कोई नतीजा ना निकलने के बाद ही वो कानूनी कदम उठाएगी.
इससे पहले WFI ने कहा था कि वो निलंबन हटाने को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी, मगर मंगलवार को हुई कार्यकारी मीटिंग के बाद संघ के तेवर बदल गए. मीटिंग का अध्यक्षता संजय सिंह ने की थी और चुने हुए 12 सदस्य इसमें शामिल हुए. जनरल सेकेटरी प्रेम चंद और सीनियर वाइस प्रेसीडेंट देवेंद्र कादियान मीटिंग में शामिल नहीं हुए. मीटिंग के संजय सिंह ने कहा कि वो सरकार से मतभेद नहीं चाहते और वो अभी अदालत नहीं जा रहे हैं. वो मंत्रालय से समय चाहते हैं और एक डेलीगेशन सरकार से बात करने की कोशिश करेगा.
नेशनल के आयोजन पर बड़ा बयान
अगर मंत्रालय उन्हें समय नहीं देता है तो इस पर संजय सिंह ने कहा कि वो पहले तो कोशिश करेंगे. वो जानना चाहते हैं कि निलंबन हटाने के लिए उन्हें क्या करने की जरूरत है. जैसे UWW ने सस्पेंड करते वक्त एक कंडीशन रखी थी. सरकार ने निलंबित तो कर दिया है, मगर ये साफ नहीं किया है कि ये हटेगा कैसे. संजय सिंह ने ये भी कहा कि स्टेट एसोसिएशन ने वादा किया है कि वो पुणे में WFI की तरफ से होने वाले नेशनल में टीम भेजेंगे. वो एडहॉक कमेटी की तरफ से जयपुर में आयोजित होने वाले नेशनल में टीम नहीं भेजेंगे.