भारत की दिव्या देशमुख ने फीडे महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में जगह बना ली. 19 साल की भारतीय खिलाड़ी ने सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीन की टेन झोंग्यी को हराया. इंटरनेशनल मास्टर दिव्या ने 1.5-0.5 के अंतर से खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया. वह महिला शतरंज वर्ल़्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहल भारतीय है. 22 जुलाई को खेला गया पहला गेम ड्रॉ रहा था. दिव्या ने वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने के साथ ही कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर लिया. भारत के पास अभी फाइनल की दूसरी टिकट बुक करने का भी मौका है. कोनेरू हंपी खिताबी मुकाबले की रेस में बनी हुई है. चीन की लेई टिंगजेई के साथ उनके सेमीफाइनल का दूसरा गेम भी बराबर रहा. वह अब 24 जुलाई को टाईब्रेकर में उतरेंगी.
दिव्या ने क्वार्टर फाइनल में हमवतन हरिका द्रोणावल्ली को हराया था. इससे पहले उन्होंने चीन की झू जोनर को हराया था जिन्हें इस टूर्नामेंट में दूसरी वरीयता दी गई थी. इस तरह अभी तक दिव्या ने कद्दावर खिलाड़ियों को मात दी है. दिव्या पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने कैंडिडेस्ट में जगह बनाई. इस टूर्नामेंट को जीतकर उनके पास वर्ल्ड चैंपियन चीन की जू वेंजुन को चुनौती देने का मौका रहेगा.
पिछले कुछ समय में भारतीय लड़कों ने शतरंज में काफी कामयाबी हासिल की है. अब लड़कियां भी उसी राह पर चल रही हैं. दिव्या ने सेमीफाइनल के दूसरे गेम में 101 मूव तक चीनी चुनौती का सामना किया और फिर कामयाबी हासिल की.
कोनेरू हंपी टाईब्रेक में करेगी मुकाबला
ववहीं दूसरे सेमीफाइनल में 75 मूव के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ के लिए सहमत हो गई. अब हंपी और टिंगजेई छोटे फॉर्मेट में आमने-सामने होंगी. एक दशक से भी अधिक समय से सर्वोच्च रैंकिंग वाली भारतीय कोनेरू हम्पी अपने करियर में पहली बार अंतिम चार में पहुंची. अब उनके पास खिताबी मुकाबले में जाने का मौका रहेगा. इसके जरिए ने केवल वह वर्ल्ड कप जीतने के लिए चुनौती पेश करेगी. वहीं कैंडिडेट्स के लिए भी जगह बना लेगी. वर्ल्ड कप से कैंडिडेट्स इवेंट की तीन स्थान तय होते हैं.