लंदन ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साइना नेहवाल ने बड़ा खुलासा किया है. साइना ने कहा है कि उनके घुटनों की हालत सही नहीं है और उन्हें अर्थराइटिस है. ऐसे में इस साल के अंत में वो बैडमिंटन से रिटायरमेंट का ऐलान कर सकती हैं. मेडिकल कंडीशन का मतलब है कि वो लंबे समय तक ट्रेन नहीं कर सकती हैं. नेहवाल भारत की पहली ऐसी शटलर हैं जिन्होंने लंदन 2012 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. अब तक वो ओलिंपिक गेम्स के तीन एडिशन में हिस्सा ले चुकी हैं.
नेहवाल ने कहा कि वो इस बात को नकार नहीं सकती कि उनका करियर अपने आखिरी पड़ाव पर है. नेहवाल ने वर्ल्ड चैंपियनशिप्स 2015 और साल 2017 में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. हाउस ऑफ ग्लोरी पॉडकास्ट पर गगन नारंग के साथ बात करते हुए साइना नेहवाल ने कहा कि उनके घुटनों की हालत सही नहीं है. उन्हें अर्थराइटिस है. मेरे कार्टिलेज की स्थिति काफी ज्यादा खराब हो गई है. ऐसे में ट्रेनिंग को 8 घंटे तक खींचना मेरे लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है.
घुटने में दिक्कत के साथ मैं टॉप की खिलाड़ी को नहीं हरा सकती: साइना
नेहवाल ने आगे कहा कि इस हालात में आप दुनिया के बेस्ट खिलाड़ी को कैसे चैलेंज करोगे. ऐसे में आपको ये समझना होगा कि यही असलियत है. क्योंकि दो घंटे की ट्रेनिंग उस खिलाड़ी को हराने के लिए काफी नहीं है जो पहले ही टॉप पर है. भारतीय शटलर ने कहा कि वो इसके चलते रिटायरमेंट लेने का सोच रही हैं. ऐसे में इसका फैसला वो जल्द कर सकती हैं.
नेहवाल ने आगे कहा कि मैं यहां रिटायरमेंट के बारे में भी सोच रही हूं. मेरे लिए ये काफी बुरा होगा क्योंकि जैसे आम इंसान नौकरी करता है, वैसे ही मेरे लिए भी ये नौकरी की तरह ही है. एक स्पोर्ट्स खिलाड़ी का करियर काफी छोटा होता है. मैंने 9 साल की उम्र से शुरुआत की थी और मैं अगले साल 35 साल की हो जाऊंगी.
नेहवाल ने आगे कहा कि मेरा करियर काफी लंबा रहा और मैं इससे काफी ज्यादा खुश हूं. मैंने अपना शरीर काफी हद तक तोड़ा है. मैं इससे खुश हूं क्योंकि मैंने अपना सबकुछ दिया है. ऐसे में साल के अंत में ये कैसा रहता है ये मुझे देखना होगा.
बता दें कि भारतीय शटलर ने पिछले साल जून में सिंगापुर ओपन खेला था जहां उन्हें हार मिली थी. वहीं साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने आखिरी बार मेडल जीता था. वहीं महिला सिंगल्स में भी उन्होंने गोल्ड जीता था.
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