भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जूडो में तीन मेडल जीते हैं. 48 किलो महिला वर्ग में सुशीला देवी फाइनल में हार गई और उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा. वहीं विजय कुमार को 60 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक मिला. वे फाइनल में जाने का मैच हार गए थे. सुशीला को फाइनल में बेहद करीबी मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका की मिशेला वाइटबूइ ने 4.25 मिनट में हराया. चार मिनट के नियमित समय में दोनों जूडो खिलाड़ियों कोई अंक नहीं बना पाए थे. वाइटबूइ ने इसके बाद गोल्डन अंक जुटा कर मुकाबला जीत लिया. सुशीला ने ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2014 में भी रजत पदक जीता था. सुशीला ने इससे पहले सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरांड को इप्पोन को शिकस्त देकर अपना पदक पक्का किया था. उन्होंने क्वार्टर फाइनल में मालावी की हैरियट बोनफेस को हराया था.
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यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विरोधी की गलतियों का पूरा फायदा उठाया और 58 सेकंड के भीतर ही जीत दर्ज कर ली. पुरुषों के 60 किलो रेपेशाज में यादव ने स्कॉटलैंड के डिनलान मुनरो को हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी. यादव को क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के जोशुआ काज ने मात दी थी. विजय यादव ने 2018 और 2018 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीती थी.
जसलीन और सुचिका के पास कांस्य का मौका
वहीं जसलीन सिंह सैनी पुरुषों के 66 किलोवर्ग के सेमीफाइनल में स्कॉटलैंड के फिनले एलेन से हारने के बाद कांस्य पदक के लिए खेलेंगे. सैनी सुबह सेमीफाइनल में आसानी से पहुंच गए थे लेकिन ढाई मिनट से भी कम चले मैच में एलेन ने ‘इप्पोन’ करके अंक जुटाये जिससे सैनी को पराजय का सामना करना पड़ा. सैनी के पास अभी भी पदक जीतने का मौका है जो कांस्य पदक के प्लेऑफ में ऑस्ट्रेलिया के नाथन काज से खेलेंगे. वहीं सुचिका तरियाल ने महिलाओं के 57 किलो रेपेशाज में दक्षिण अफ्रीका की डोन्ने ब्रेटेनबाश को हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बना ली.
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