IND vs ENG: इन दो खिलाडि़यों को ड्रेसिंग रूम में देख चमक उठी थी करुण नायर की आंखें, आठ साल बाद टीम में लौटने पर बल्‍लेबाज के दिल का दर्द आया बाहर

India Vs England Series 2025: करुण नायर का कहना है कि वह चीजों को बहुत सरल बनाए रखने की कोशिश करते हैं और वह सकारात्‍मक चीजों के बारे में सोचते हैं.

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करुण नायर

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करुण नायर की आठ साल बाद टीम इंडिया में वापसी हुई है.

केएल राहुल आर प्रसिद्ध कृष्‍णा को देखकर सहज हुए नायर.

England vs India Test Series लंबे समय बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले करुण नायर ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में बचपन के साथी केएल राहुल और प्रसिद्ध कृष्णा की मौजूदगी से उन्हें सहज रहने में मदद मिली और वह आठ साल बाद मिले मौके का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में करुण के लिए टीम में अपनी जगह पक्की करने का मौका है. वह कई साल पहले टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने थे, मगर उसके बाद उनके करियर का ग्राफ ऊपर नहीं चढ़ पाया. साल 2017 के बाद से वह टीम से बाहर थे.

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अब आठ साल बाद टीम में लौटने पर उन्‍हें ड्रेसिंग रूम में कई नए चेहरे नजर आए और उनके बीच राहुल  और कृष्‍णा को देखकर वह सहज हो पाए. नायर ने बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए वीडियो में कहा- 

मैं चीजों को बहुत सरल बनाए रखने की कोशिश करता हूं, हमेशा सकारात्मक चीजों के बारे में सोचता हूं, मन में कुछ लक्ष्य रखता हूं, चीजों की कल्पना करता हूं और जो कल्पना करता हूं, उस पर पूरा विश्वास रखता हूं. 

उन्होंने कहा- 

राहुल और प्रसिद्ध के साथ खेलना भी बहुत सुकून देने वाला है.हम बचपन से एक दूसरे के साथ खेलते रहे हैं. 

करुण और राहुल दोनों की उम्र 33 साल है. वे एक साथ आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुके हैं और तब से गहरे दोस्‍त है. उन्होंने कहा- 

जीवन अपना एक चक्र पूरा कर चुका है, क्योंकि मैं इंग्लैंड में टीम से बाहर हो गया था और अब मैं इंग्लैंड में टीम में वापसी कर रहा हूं. मैं लंबे समय तक टीम से बाहर रहा और इसे मैं आत्मसात करता हूं. 

उन्हें 2017 में भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था.  नायर ने कहा- 

टीम से बाहर होने के बाद जब मैं अगली सुबह उठा तो मेरे मन में पहला विचार यही आया कि मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं.मैं फिर से भारत के लिए खेलना चाहता हूं. शायद यही बात मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही.मुझमें भूख बनी रही और यही बात मुझे प्रतिदिन अभ्यास करने के लिए प्रेरित करती रही

उन्होंने कहा-

मेरा लक्ष्य फिर से टेस्ट क्रिकेट खेलना था। हर दिन, हर सुबह मैं यह सोचता था कि मुझे उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए क्या करना चाहिए. उस विश्वास को कभी नहीं खोना और उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दृढ़ संकल्प होना, ऐसी चीज थी जिसने मेरी मदद की. 

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