दिल्ली (Delhi) ने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में नया इतिहास बना दिया है. 20 जनवरी को अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली ने मुंबई को 42 साल बाद हरा दिया. दिल्ली के लिए ये सीजन बेहद खराब साबित हुआ है. ऐसे में इस जीत से टीम को थोड़ी राहत जरूर मिली होगी. दिल्ली की टीम पिछले 42 साल से मुंबई के खिलाफ एक भी मैच नहीं जीत पाई थी. वहीं रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ये दिल्ली की मुंबई पर दूसरी जीत है. मुंबई मुकाबले से पहले दिल्ली ने एक भी मैच नहीं जीता था जबकि टीम को 2 में हार मिली थी. वहीं 3 मुकाबले ड्रॉ हुए थे. ग्रुप बी में कुल 8 टीमें थीं और दिल्ली इसमें 7वें पायदान पर थी. दिल्ली क्रिकेट के लिए पिछले कुछ महीनों से ज्यादा कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. खराब प्रदर्शन के चलते टीम के सेलेक्टर्स को हटा दिया गया है. वहीं कप्तान को भी ड्रॉप कर दिया गया. वहीं कप्तान हिम्मत सिंह को भी ड्रॉप कर दिया गया था.
ADVERTISEMENT
दूसरी पारी में गोल्डन डक का शिकार हुए सरफराज
ये मुंबई के लिए बड़ी हार है क्योंकि टीम में पृथ्वी शॉ, सरफराज खान और अजिंक्य रहाणे जैसे सितारे होने के बावजूद टीम को हार मिली. मैच की बात करें तो दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था. टीम ने यहां मुंबई को पहली पारी में सिर्फ 293 रन पर ही समेट दिया है. मुंबई के बाकी बल्लेबाजों ने बेहद खराब बल्लेबाजी की और सिर्फ सरफराज खान का बल्ला चमका. सरफराज ने 155 गेंद पर 124 रन ठोके. इसमें उन्होंने 16 चौके और 4 छक्के लगाए.
रावल का शतक
दिल्ली की पहली पारी की बात करें तो वैभव रावल ने शानदार शतक जमाया और 114 रन की पारी खेली. जबकि हिम्मत ने टीम के लिए 85 रन का अहम योगदान दिया. इस तरह पहली पारी में दिल्ली की टीम 369 रन की लीड ले चुकी थी. मुंबई ने दूसरी पारी में बेहद खराब बल्लेबाजी की और टीम सिर्फ 170 रन पर आउट हो गई. दिल्ली ने अंत में 8 विकेट हाथ में रहते ही लक्ष्य का पीछा कर लिया और सीजन की पहली जीत हासिल की.
दूसरी पारी में मुंबई की तरफ से सिर्फ रहाणे ने 51 रन बनाए. इसके अलावा और कोई बल्लेबाज चल नहीं पाया. पहली पारी में शतक जमाने वाले सरफराज यहां बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. मुंबई को मात देने में दिविज मेहरा का सबसे बड़ा योगदान रहा. दाएं हाथ के इस गेंगबाज ने कुल 5 विकेट लिए. बता दें कि ऐतिहासिक जीत के बाद भी दिल्ली की टीम अगले दौर में नहीं जा सकती.
ADVERTISEMENT