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रिंकू सिंह ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ व्हाइट बॉल स्पेशलिस्ट बल्लेबाज ही नहीं है. रेड बॉल क्रिकेट में वह लगातार कोहराम मचा रहे हैं. उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2025/26 सीज़न में शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए तमिलनाडु के खिलाफ 176 रनों की लाजवाब पारी खेली और उत्तर प्रदेश को बचाते हुए पहली पारी में बढत दिला दी. इस टूर्नामेंट में यह उनका लगातार दूसरा शतक है. पिछले मैच में रिंकू ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ 165 रन की पारी खेली थी.
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रिंकू तमिलनाडु के खिलाफ उस समय अपनी टीम के लिए मैदान पर उतरे, जब यूपी ने 149 रन पर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद रिंकू टीम के तारणहार बने और मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला. उन्होंने 248 गेंदों में 176 रन की पारी खेली और अपनी टीम को एलिट ग्रुप ए के मैच में पांच रन से बढ़त दिला दी.
फर्स्ट क्लास में 9वां शतक
रिंकू मंगलवार को पहली पारी में उत्तर प्रदेश के लिए पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 98 रन बनाकर नाबाद रहने के बाद उन्होंने बुधवार को ना सिर्फ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना नौवां शतक पूरा किया बल्कि अपनी घरेलू टीम को कम से कम तीन अंक दिलाने में भी मदद की.
17 चौके और 6 छक्के
पहली पारी में क्रीज पर रहने के दौरान भारत की टी20 टीम के नियमित सदस्य रिंकू ने 17 चौके और 6 छक्के लगाए. उन्होंने शिवम शर्मा (22) के साथ सातवें विकेट के लिए 53 रन, कार्तिक यादव (20) के साथ आठवें विकेट के लिए 59 रन और आकिब खान (29 गेंदों पर नाबाद 14) के साथ नौवें विकेट के लिए 33 रन की पार्टनरशिप की.
रिंकू ने दिलाई बढ़त
143वें ओवर की पांचवीं गेंद पर पी विद्युत ने रिंकू को पवेलियन भेज दिया. बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में रिंकू ने सोनू यादव को अपना कैच थमा दिया. उनके आउट होने के समय उत्तर प्रदेश तमिलनाडु के पहली पारी के 455 रनों से 12 रन पीछे थी, लेकिन रिंकू के आउट होने के बाद आकिब ने मोर्चा संभाला और कुणाल त्यागी (छह गेंदों में पाँच रन) के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश को तमिलनाडु के कुल स्कोर से पांच रन ज़्यादा बनाने में मदद की.
तीन अंक लगभग तय
मेज़बान टीम के लिए पी विद्युत ने 28 ओवर में 73 रन देकर 4 विकेट लिए और उत्तर प्रदेश के तीन बल्लेबाज़ों को तमिलनाडु के कप्तान आर साई किशोर ने पवेलियन भेजा. रणजी ट्रॉफी में अगर मैच ड्रॉ हो जाता है, तो पहली पारी में बढ़त लेने वाली टीम को तीन अंक मिलते हैं, जबकि दूसरी टीम को केवल एक अंक से संतोष करना पड़ता है.
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