रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन करके टीम इंडिया को जीत दिला दी. इसके अलावा उन्होंने अपने प्रदर्शन से एक बार फिर ये साबित कर दिया कि भारतीय जमीन पर इस फॉर्मेट में अश्विन हमेशा ही रोहित के सबसे बड़े हथियार हैं. अश्विन ने पहली पारी में शतक बनाकर और सातवें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा के साथ 199 रनों की साझेदारी करके टीम को मुश्किल स्थिति से उबारा. अश्विन ने 113 रनों की पारी खेली और अपने करियर का छठा टेस्ट शतक बनाया.
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हालांकि अश्विन को पहली पारी में कोई विकेट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में छह विकेट लेकर इसकी भरपाई की और भारत ने 280 रनों से जीत दर्ज की.
हरभजन सिंह हैं मेरे आदर्श: अश्विन
चेन्नई में भारत की जीत के बाद, अश्विन ने बड़ा खुलासा किया. 38 वर्षीय अश्विन ने याद किया कि उन्होंने भारतीय टीम में हरभजन सिंह की जगह ली. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि मैं 103 टेस्ट खेलने वाले इस अनुभवी खिलाड़ी को अपना आदर्श मानता हूं और गेंदबाजी में उनके एक्शन की भी नकल करता था.
अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं इस बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि इस टेस्ट मैच पर मेरा क्या प्रभाव पड़ा है. मुझे हरभजन की जगह लेने के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली थी, मैं जूनियर क्रिकेट में उनके एक्शन को दोहराता था, वे मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे. आईपीएल से आने के बाद लोगों को हमेशा संदेह होता था कि मैं रेड-बॉल में अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा या नहीं, बहुत से लोग आए और मेरी मदद की." दो साल पहले श्रीलंका के खिलाफ भारत की घरेलू सीरीज के दौरान अश्विन ने ऑफ स्पिनरों में भारत के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले हरभजन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा था. अश्विन ने 101 टेस्ट मैचों में 522 विकेट लिए हैं, जबकि हरभजन ने 103 मैचों में 417 विकेट लिए हैं. अश्विन टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले (619) हैं. 38 वर्षीय अश्विन इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में 500 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बने. इसी सीरीज में अश्विन ने धर्मशाला में अपने करियर का 100वां टेस्ट खेला.