टीम इंडिया के बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद बीसीसीआई ने बीते दिनों खिलाड़ियों के लिए नई गाइडलेंस जारी की. टीम में यूनिटी और अनुशासन लाने के लिए बोर्ड ने कई कड़े फैसले लिए. बोर्ड ने इस दौरान लंबे दौरे पर खिलाड़ियों के साथ उनके निजी शेफ पर बैन लगा दिया है. बोर्ड ने साफ कर दिया है कि प्लेयर्स अब दौरे पर अपने साथ निजी शेफ नहीं ले जा सकते. इसके बाद बोर्ड ने बड़ी पेशकश की है. दौरों पर टीम की डाइट आदि का ध्यान रखने के लिए दो लोगों को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
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टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बोर्ड ने दौरे पर पूरी टीम के लिए दो निजी शेफ भेजने की पेशकश की है.हालांकि इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या यह उन खिलाड़ियों के लिए काफी होगा, जिनके लिए अलग-अलग तरह की डाइट की व्यवस्था की गई है. बीसीसीआई के एक सोर्स ने कहा-
टीम को एक विकल्प दिया गया है.जिसके तहत बोर्ड खिलाड़ियों की जरूरतों के लिए दो शेफ की व्यवस्था करेगा.हालांकि खिलाड़ियों की खास जरूरतों और क्या किया जा सकता है इस पर चर्चा होगी.
पिछले छह-सात सालों में ज्यादातर खिलाड़ियों ने निजी शेफ के लिए पैसे देने शुरू कर दिए हैं,जो उनके न्यूट्रिशनिस्ट की तैयार की गई डाइट चार्ट के अनुसार उन्हें खाना उपलब्ध कराते थे. खिलाड़ी अपनी डाइट को लेकर ज़्यादा जागरूक हो गए ,ताकि वे अपनी फिटनेस का स्तर बनाए रख सकें.
खिलाड़ी करते हैं निजी शेफ के रहने की व्यवस्था
आमतौर पर शेफ टीम होटल में नहीं ठहरते. खिलाड़ी उनके रहने की व्यवस्था रसोई की सुविधा खुद करते हैं. प्लेयर्स को टीम होटल में खाना पहुंचाया जाता है. बोर्ड के सामने उठाई गई आपत्तियों में से एक यह है कि शेफ अक्सर डाइनिंग एरिया में मौजूद रहते हैं, जहां खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं होती. सोर्स ने कहा-
मुद्दा यह है कि क्या दो शेफ इतने सारे खिलाड़ियों के लिए उनकी डाइट के अनुसार खाना बना सकते हैं.खिलाड़ियों के पास अपने पसंदीदा भोजन और रेसिपी हैं.कुछ खिलाड़ी लंबे दौरों पर घर का बना खाना मिस करते हैं और शेफ उसी के अनुसार मेनू तैयार करते हैं.
सोर्स का कहना है कि बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों के लिए प्रीमियम भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इस पर काम करने की कोशिश कर रहा है.
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